अपडेटेड 31 August 2024 at 12:19 IST
Washington: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच आर मैकमास्टर ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि आतंकवादी समूहों के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) की ‘‘मिलीभगत’’ है।
मैकमास्टर ने खुलासा किया कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के दौरान उनके कार्यकाल में व्हाइट हाउस को इस्लामाबाद को सुरक्षा सहयोग मुहैया कराने को लेकर विदेश विभाग और पेंटागन के विरोध का सामना करना पड़ा था।
मैकमास्टर ने कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तान को तब तक सभी सहायता रोकने का आदेश दिया था, जब तक वह आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह मुहैया कराना बंद नहीं करता, लेकिन इसके बावजूद तत्कालीन रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस्लामाबाद को एक सैन्य सहायता पैकेज देने की योजना बना रहे थे, जिसमें 15 करोड़ डॉलर से अधिक के बख्तरबंद वाहन शामिल थे।
मैकमास्टर ने ‘ए वार विद आवरसेल्फ : माय टूर ऑफ ड्यूटी इन द ट्रंप व्हाइट हाउस’ नामक पुस्तक में ये टिप्पणियां की हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि, उनके हस्तक्षेप के बाद यह मदद रोक दी गई थी।
मैकमास्टर ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति (ट्रंप) ने कई मौकों पर स्पष्ट रूप से कहा था कि जब तक पाकिस्तान उन आतंकवादी संगठनों की मदद करना बंद नहीं कर देता, जो अफगानिस्तान में अफगान, अमेरिकी और गठबंधन सेना के सदस्यों को मार रहे हैं, तब तक उसे सहायता निलंबित रखें... हम सभी ने ट्रंप को कहते सुना था-मैं नहीं चाहता कि अब पाकिस्तान को और पैसा दिया जाए।’’
मैकमास्टर ने लिखा, ‘‘पाकिस्तान अपना रवैया नहीं बदल रहा था। उसकी सरकार ने मैटिस की यात्रा की पूर्व संध्या पर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा कर दिया था, जो किसी अपमान से कम नहीं था। इसके बाद पाकिस्तान में बंधकों से जुड़ी एक घटना ने आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की निर्विवाद मिलीभगत का खुलासा किया था।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
पब्लिश्ड 31 August 2024 at 12:19 IST