अपडेटेड 23 June 2025 at 18:37 IST
इजरायल के बाद अमेरिका ने भी ईरान के परमणु ठिकानों पर हमला किया। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी हवाई हमलों को पूरी तरह सफल बताया। उन्होंने ईरान पर अमेरिका की ओर से किए गए इस हमले को बुल्सआई स्ट्राइक (Bullseye Strike) कहा है, जिससे ईरान के भूमिगत परमाणु बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ।
बता दें, ऑपरेशन मिडनाइट हैमर नामक यह हमला शनिवार शाम को किया गया था और इसमें फोर्डो, नतांज और इस्फहान में ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया गया था। पेंटागन के अनुसार, अमेरिका ने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स द्वारा गिराए गए 14 विशाल बंकर-बस्टिंग बमों का इस्तेमाल किया, जो पहली बार युद्ध में ऐसे 15-टन के हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "विनाश एक सटीक शब्द है!" "सबसे बड़ा नुकसान जमीन के बहुत नीचे हुआ। बुल्सआई!!!" राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी सेना की तारीफ करते हुए पोस्ट किया, "दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती हो।"
एक तरफ इजरायल ने अमेरिका के इस हमले की जमकर तारीफ की, वहीं रूस, चीन और सऊदी अरब सहित अन्य देशों ने इसे खतरनाक और अस्थिर करने वाला बताया। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कड़ी सजा देने की चेतावनी दी और उकसावे के लिए अमेरिका और इजरायल दोनों को दोषी ठहराया।
खामेनेई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "जायोनी दुश्मन ने बहुत बड़ी गलती की है... उसे सजा मिल रही है।" ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान के खिलाफ पश्चिमी देशों की सबसे गंभीर सैन्य कार्रवाई के लिए अमेरिका को जवाब मिलना चाहिए। अमेरिकी हमले के बाद, ईरान ने इजरायल में मिसाइलें दागीं, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाएं बढ़ गईं।
इजरायल के साथ ब्रिटेन, सऊदी अरब, जर्मनी, कनाडा, जॉर्डन और UAE खड़े नजर आ रहे। फ्रांस का झुकाव भी इजरायल की ओर नजर आ रहा है। वहीं ईरान के साथ रूस, चीन, इराक, लेबनान, तुर्किए, पागकिस्तान और मिस्र खड़े हैं। भारत की अगर बात करें, अबतक इंडिया ने किसी भी देश का पक्ष नहीं लिया है। भारत का कहना है कि शांति से बातचीत कर दोनों देशों को अपना विवाद सुलझाना चाहिए। वहीं अमेरिका के हमले के बाद तस्वीर बदलती नजर आ रही है।
संयुक्त अरब अमीरात ने इजरायल और ईरान से युद्धविराम करने की अपील की है। वहीं परमाणु विवाद को राजनीतिक और कूटनीतिक तरीके से हल करने की बात कही है। चीन के शी जिनपिंग भी ईरान का साथ देते हुए नजर आ रहे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इजरायल से युद्ध विराम की अपील करते हुए कहा कि जंग विवाद का सही तरीका नहीं है।
पब्लिश्ड 23 June 2025 at 18:37 IST