अपडेटेड 20 September 2025 at 09:39 IST
Trump Gold Card: '8.8 करोड़ रुपये लाओ, गोल्ड कार्ड ले जाओ', H1 वीजा को लेकर ट्रंप का बड़ा फैसला; भारत पर क्या होगा असर?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण घोषणापत्र पर हस्ताक्षर कर H-1B वीजा के लिए आवेदन शुल्क को बढ़ाने की घोषणा की। इसके साथ ही Gold Card वीजा प्रोग्राम भी लॉन्च कर दिया है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणापत्र पर हस्ताक्षर कर H-1B वीजा के नियमों में कई बड़े बदलाव कर दिए है। नए बदलाव के बाद H-1B वीजा के नए एप्लिकेशन के लिए मोटी फीस भी वसूली जाएगी। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप ने नया Gold Card वीजा प्रोग्राम लॉन्च किया है जो अमीरों के लिए अमेरिका में बसने के रास्ते को आसान बनाएगा।
ट्रंप के नए फैसले के बाद अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण घोषणापत्र पर हस्ताक्षर कर H-1B वीजा के लिए आवेदन शुल्क को बढ़ाने के साथ-साथ H-1B वीजा को हासिल करने के लिए कंपनियों को हर साल 1 लाख डॉलर यानी कि करीब 83 लाख रुपये का फीस भरना होगा। इस फैसले के बाद कुछ H-1B वीजा धारक अमेरिका में गैर-इमिग्रेंट वर्कर के रूप में सीधी एंट्री नहीं ले पाएंगे। व्हाइट हाउस के स्टाफ सचिव विल शार्फ कहते हैं, "सबसे ज्यादा दुरुपयोग की जाने वाली वीजा प्रणालियों में से एक H1-B गैर-आप्रवासी वीजा कार्यक्रम है।
H-1B वीजा के लिए बए देने होंगे इतनी फीस
इसका उद्देश्य उन उच्च कुशल श्रमिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका में आने की अनुमति देना है जो उन क्षेत्रों में काम करते हैं जहां अमेरिकी काम नहीं करते। इस घोषणा से कंपनियों द्वारा H-1B आवेदकों को प्रायोजित करने के लिए दी जाने वाली फीस बढ़कर $100,000 हो जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे जिन लोगों को ला रहे हैं वे वास्तव में अत्यधिक कुशल हैं और उनकी जगह अमेरिकी कर्मचारी नहीं ले सकते।"
छोटे टेक फर्म की बढ़ेगी परेशानी
इस नए नियम के तहत, कंपनियों को अब प्रत्येक H-1B वीजा आवेदक को प्रायोजित करने के लिए 1 लाख डॉलर का भुगतान करना होगा। 100,000 डॉलर की नई फीस कंपनियों के लिए खर्च काफी बढ़ा सकती है, हालांकि बड़ी टेक कंपनियों के लिए यह कोई बड़ी समस्या नहीं होगी क्योंकि वे टॉप प्रोफेशनल्स के लिए भारी खर्च करती रहती हैं, लेकिन इससे छोटे टेक फर्म और स्टार्टअप दबाव में आ सकते हैं।
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H-1B वीजा हासिल करने वाले 71% भारतीय
बता दें एक आंकड़े के मुताबिक, H-1B वीजा हासिल करने वालों में 71% भारतीय हैं। इस वीजा के लगभग दो-तिहाई पद कंप्यूटिंग या आईटी क्षेत्र में हैं।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल H-1B वीजा पाने वालों में भारत सबसे बड़ा लाभार्थी था भारतीय प्रोफेशनल्स की हिस्सेदारी 71 फीसदी रही थी, जबकि चीन दूसरे नंबर पर था और उसे केवल 11.7% वीजा मिला। ट्रंप के इस फैसले से भारत पर भी प्रभाव पड़ेगा।
Trump Gold Card वीजा प्रोग्राम लॉन्च
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के लिए नया Trump Gold Card वीजा प्रोग्राम लॉन्च किया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए यह घोषणा की है, नए वीजी प्रोगाम से अमेरिका को अरबों डॉलर का फायदा होगा। नए वीजा प्रोग्राम के तहत लोगों को 1 मिलियन डॉलर और कॉर्पोरेशन के लिए 2 मिलियन डॉलर की फीस तय की गई है।
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विदेशी निवेशकों को नई पहल
बता दें कि ट्रंप गोल्ड कार्ड एक वीजा-प्रोग्राम है जिसे अमेरिका प्रशासन ने शुरू किया है। इसका मकसद है अमीर विदेशी निवेशकों को बड़ी रकम देकर अमेरिका में स्थायी निवास और बाद में नागरिकता पाने के लिए आसानी से आवेदन कर सकेंगे। ये भी ग्रीन कार्ड जैसा अधिकार माना जाएगा जिसमें अधिकार EB-1 या EB-2 वीजा कैटेगरी के मुताबिक दिया जाएगा।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 20 September 2025 at 09:29 IST