अपडेटेड 26 March 2025 at 20:48 IST

अमेरिका ने चीन को बताया सबसे बड़ा खतरा, खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट पर भड़का बीजिंग; कहा- ये गैरजिम्मेदराना और पक्षपाती...

अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास पारंपरिक हथियारों से अमेरिका पर हमला करने, साइबर हमलों के जरिए बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने और...

Donald Trump and Xi Jinping
Donald Trump and Xi Jinping | Image: AP

China on US Intelligence Agencies Report: अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में अपना सबसे बड़ा चीन को बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी सैन्य और साइबर क्षमताओं में तेजी से प्रगति कर रहा है। ऐसे में वो अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। अमेरिकी की इस रिपोर्ट पर चीन भड़क उठा है। उसने इसे गैरजिम्मेदार और पक्षपाती रिपोर्ट बताया है।

अमेरिका की सारी खुफिया एजेंसियां मिलकर हर साल एक वार्षिक खतरा आकलन रिपार्ट जारी करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका की सेना के साथ साथ साइबर सिक्योरिटी के लिए भी चीन बहुत बड़ा खतरा बन गया है। इसमें आशंका जताई गई है कि ताइवान पर कब्जा करने के लिए बीजिंग लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है।

अमेरिका की रिपोर्ट पर क्या बोला चीन? 

अमेरिका की खुफिया एजेंसी की इस रिपोर्ट पर चीन की प्रतिक्रिया आई है। चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि अमेरिका हर साल इस तरह की गैरजिम्मेदार और पक्षपाती रिपोर्ट जारी करता है। यह केवल चीन को नियंत्रित करने, दबाने और अपना आधिपत्य बनाए रखने के लिए बहाने बना रहे हैं।

अमेरिका की रिपोर्ट पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "हथौड़े वाले व्यक्ति को सब कुछ कील जैसा लगता है।" चीन अमेरिका को सलाह देता है कि वह चीन पर अपना वर्चस्ववादी तर्क न थोपे और चीन-अमेरिका संबंधों को पुराने शीत युद्ध की मानसिकता से न देखे। चीन को नियंत्रित करने और दबाने के लिए रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के बहाने का इस्तेमाल न करें।

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चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि उसे 'ताइवान स्वतंत्रता' अलगाववादी गतिविधियों में किसी भी तरह की मिलीभगत और समर्थन करना बंद कर देना चाहिए। साथ ही तथाकथित 'चीनी खतरे' की बयानबाजी को रोकना चाहिए और चीन-अमेरिका संबंधों के स्थिर, स्वस्थ और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक कार्रवाई करनी चाहिए।

अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा चीन? 

अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास पारंपरिक हथियारों से अमेरिका पर हमला करने, साइबर हमलों के जरिए अमेरिकी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने और अंतरिक्ष में उसकी संपत्तियों को निशाना बनाने की क्षमता है। साथ ही कहा गया है कि बीजिंग का लक्ष्य साल 2030 तक अमेरिका को पीछे छोड़कर विश्व की शीर्ष AI शक्ति बनना है।

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इसके अलावा रिपोर्ट में खतरे का आकलन करते हुए यह भी कहा गया कि रूस, ईरान, उत्तर कोरिया और चीन जानबूझकर अभियान चलाकर अमेरिका को चुनौती देना चाहता है, जिससे उसे लाभ मिल सके।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 26 March 2025 at 20:48 IST