अपडेटेड 21 September 2025 at 16:59 IST
डोनाल्ड ट्रंप को अब तालिबान ने दे डाली चुनौती, कहा- 20 साल तक लडूंगा लेकिन बगराम एयरबेस नहीं छोड़ूंगा
Taliban Reply to Trump, Bagram Airbase: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पास स्थित बगराम एयरबेस अफगानिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे रणनीतिक सैन्य ठिकाना माना जाता है। 9/11 आतंकी हमलों के बाद अमेरिकी सेना ने इसे आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए मुख्य केंद्र बनाया था। उस समय यहां से पूरे अफगानिस्तान और आसपास के इलाकों में अमेरिकी अभियान संचालित होते थे
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Taliban Reply to Trump, Bagram Airbase: अफगानिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में एक बार फिर तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा है। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उसने बगराम एयरबेस अमेरिका को नहीं सौंपा गया, तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर यह बात कही थी।
अब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने ट्रंप को करारा जवाब दिया है। तालिबान सरकार ने ट्रंप को जवाब देते हुए कहा है, "हम अगले 20 साल तक लड़ने को तैयार हैं।"
अफगान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने क्या कहा?
दरअसल, बीते शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था, “अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसे वापस नहीं करता, जिसने इसे बनाया है, यानी अमेरिका को, तो बहुत बुरी चीजें होने वाली हैं।” यह बयान उस समय आया जब अमेरिका लगातार इस अहम सैन्य अड्डे पर दोबारा नियंत्रण पाने के लिए दबाव बना रहा है।
इसपर अफगान की तालिबान सरकार की प्रतिक्रिया आई है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने बगराम एयरबेस वापस करने की ट्रंप की मांग का जवाब दिया है। तालिबान प्रतिनिधि ने कहा, "हमारा जवाब यह है: अगर आप नहीं जाते और बेस लेना चाहते हैं, तो हम अगले 20 साल तक आपसे लड़ने को तैयार हैं।" वहीं, अफगान विदेश मंत्रालय के अधिकारी जाकिर जलाल ने सोशल मीडिया मंच X पर यह भी कहा था, “अफगानिस्तान और अमेरिका को आपस में जुड़ना चाहिए, लेकिन इसके लिए अमेरिका की किसी भी सैन्य मौजूदगी की जरूरत नहीं है।”
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बगराम एयरबेस सबसे बड़ा और रणनीतिक सैन्य ठिकाना
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पास स्थित बगराम एयरबेस अफगानिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे रणनीतिक सैन्य ठिकाना माना जाता है। 9/11 आतंकी हमलों के बाद अमेरिकी सेना ने इसे आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए मुख्य केंद्र बनाया था। उस समय यहां से पूरे अफगानिस्तान और आसपास के इलाकों में अमेरिकी अभियान संचालित होते थे।
बेस की खासियत यह भी है कि इसमें हजारों सैनिकों की तैनाती की व्यवस्था है और इसे मध्य एशिया में अमेरिकी शक्ति का प्रतीक माना जाता रहा है। लेकिन 2021 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद यह अड्डा तालिबान के नियंत्रण में चला गया और तब से यह अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच विवाद का कारण बना हुआ है।
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Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 21 September 2025 at 16:59 IST