अपडेटेड 18 March 2025 at 20:07 IST

सुनीता विलियम्स की 9 महीने बाद धरती पर वापसी, लेकिन कैप्सूल समंदर में क्यों करेगा लैंड? फिर एंबुलेंस से पहुंचेंगी अस्पताल

सुनीता और बुच ने धरती के लिए आज सुबह ISS से उड़ान भरी। भारतीय समयानुसार स्पेसक्राफ्ट SpaceX ड्रैगन भारतीय समय के अनुसार बुधवार सुबह 3.27 बजे लैंड करेगा।

Sunita Williams Returns
Sunita Williams Returns | Image: X

Sunita Williams Returns News: NASA एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अगले कुछ घंटों में धरती पर वापसी करने वाले हैं। 8 मिशन के मिशन पर गए दोनों अंतरिक्ष यात्री पिछले 9 महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे थे। स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल पर सवार होकर दोनों लौट रहे हैं। लेकिन उनको लेकर आ रहा कैप्सूल जमीन पर नहीं उतरेगा। क्या है इसके पीछे की वजह और जमीन नहीं तो कहां होगी लैंडिंग? आइए जानते हैं।

सुनीता और बुच ने धरती के लिए आज (18 मार्च) सुबह 10.30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से उड़ान भरी। भारतीय समयानुसार स्पेसक्राफ्ट SpaceX ड्रैगन भारतीय समय के अनुसार बुधवार सुबह 3.27 बजे लैंड करेगा।

फ्लोरिडा के तट पर होगी लैंडिंग

सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आ रहे क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को धरती पर उतरने में 17 घंटों का वक्त लगना है। आज सुबह अनडॉक होने के बाद अंतरिक्ष यान ISS से दूर चला गया और धरती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। NASA ने बताया है कि 19 मार्च को रात 2 बजकर 41 मिनट (भारतीय समयानुसार) पर यान वायुमंडल में प्रवेश कर जाएगा। 18 हजार फीट की ऊंचाई पर सबसे पहले दो ड्रैगन पैराशूट खुलेंगे। इसके बाद 6000 फीट की ऊंचाई पर मेन पैराशूट भी खुलेंगे। सुबह के 3 बजकर 27 मिनट पर समुद्र में फ्लोरिडा तट पर यान की लैंडिंग होगी।

अंतरिक्ष यान को वापस लाते समय जमीन पर नहीं उतारा जाता। इसकी जगह इसे पानी में गिराया जाता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को कम झटका लगे। जमीन की तुलना में समुद्र पर लैंडिंग अधिक सुरक्षित मानी जाती है।

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लौटने के बाद सुनीता और बुच को लेना होगा स्ट्रेचर का सहारा

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लौटने पर अस्पताल भी लेकर जाया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके लिए अब नॉर्मल जिंदगी में वापस आना बहुत मुश्किल होने वाला है। 9 महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद लौटने पर उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। उनके लिए धरती पर कदम रखना भी आसान नहीं होगा। जानकारी के अनुसार कैप्सूल को खोलने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को स्ट्रेचर पर लाया जाएगा। ये एस्ट्रोनॉट्स की सेफ्टी प्रोटोकॉल का हिस्सा है।

एस्ट्रोनॉट के शरीर को दोबारा पृथ्वी के वातावरण के हिसाब से दोबारा ढलने में कई हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है। तब तक उन्हें थकान, चलने में मुश्किलें और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अंतरिक्ष में रहने की वजह से शरीर की मांसपेशियों, हड्डियों, संतुलन और आंखों में समस्या समेत कई कठिनाईयां हो सकती हैं।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 18 March 2025 at 20:07 IST