अपडेटेड 12 January 2024 at 16:01 IST

अमेरिका ने हूती पर स्ट्राइक से पहले की थी भारत से बात, ब्लिंकन ने जयशंकर को मिलाया था फोन, फिर...

अमेरिकी विदेश मंत्री Antony Blinken ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों को लेकर भारतीय विदेश मंत्री S Jaishankar ने साझा चिंताओं पर चर्चा की।

Antony Blinken called EAM Jaishankar
ब्लिंकन ने जयशंकर को मिलाया फोन | Image: AP

Yemen strikes: लाल सागर में समुद्री जहाजों पर हूती विद्रोहियों के बढ़ते हमलों के जवाब में जब अमेरिका ने स्ट्राइक कर दी है तो पूरी दुनिया की नजरें मौजूदा हालात पर टिक चुकी है। ऐसा इसलिए कि समंदर में महायुद्ध की आशंकाएं बढ़ गई हैं। खैर, अभी बड़ी जानकारी ये सामने आ रही है कि अमेरिका ने हूती विद्रोहियों पर हमले से पहले भारत के साथ बातचीत की थी।

खबर में आगे पढ़ें:-

  • ब्लिंकन और एस जयशंकर के बीच क्या हुई बात?
  • हूती विद्रोहियों के हमले क्यों बढ़ा रहे हैं चिंता?
  • समुद्री लुटेरों को रोकने के लिए भारत ने क्या कदम उठाए?

ब्लिंकन ने किया जयशंकर को फोन

हूती विद्रोहियों पर हमले से कुछ घंटे पहले ही अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन किया था। फोन पर हुई बातचीत के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों को लेकर एस जयशंकर ने साझा चिंताओं पर चर्चा की।

दोनों नेताओं के बीच दूसरे वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर के मुताबिक, जयशंकर और ब्लिंकन ने इजराइल-हमास संघर्ष, तनाव बढ़ने से रोकने के प्रयासों और गाजा में नागरिकों को मानवीय सहायता की आपूर्ति में वृद्धि पर भी चर्चा की। ब्लिंकन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध पर भी चर्चा की।

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ब्लिंकन से अच्छी बातचीत की: एस जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ब्लिंकन के साथ हुई बातचीत पर जानकारी दी। उन्होंने 'X' पर लिखा, 'उन्होंने अपने मित्र ब्लिंकन से अच्छी बातचीत की। हमारी बातचीत समुद्री सुरक्षा चुनौतियों, विशेषकर लाल सागर क्षेत्र पर केंद्रित थी। गाजा सहित पश्चिम एशिया में चल रही स्थिति पर उनकी अंतर्दृष्टि की सराहना की। यूक्रेन संघर्ष से संबंधित घटनाक्रम पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया। 2024 के लिए हमारे व्यापक सहयोग एजेंडे को साकार करने के लिए उत्सुक हूं।'

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हूती विद्रोहियों के मसले पर चर्चा अहम

हालांकि लाल सागर में हूती विद्रोहियों के मसले पर चर्चा ऐसे में अहम हो जाती है, जब समुद्र में उनके हमले लगातार बढ़ रहे हैं। इन हमलों ने व्यापारिक जहाजों के निर्बाध आवागमन, निर्दोष नौसैनिकों की जान खतरे में डाल दी है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है।

यहां तक कि भारत भी इससे प्रभावित रहा है। हालिया दिनों में एक समुद्री जहाज को भी हाईजैक कर लिया गया था, जिसमें 15 भारतीय नागरिक भी शामिल थे। ऐसे में भारतीय नौसेना को खुद स्ट्राइक करके अपने नागरिकों को बचाया था। इसके पहले भी ड्रोन से एक समुद्री जहाज पर हूती विद्रोहियों ने हमला कर दिया था।

अरब सागर में भारत के 10 युद्धपोत तैनात

समुद्र में मालवाहक जहाजों पर होते हमलों को देखते हुए भारत भी पूरे एक्शन में हैं। ड्रोन हमलों के बीच भारतीय नौसेना अपने 10 युद्धपोतों को अरब सागर में तैनात कर चुकी है। समुद्र में भारतीय नौसेना ने अपनी निगरानी बढ़ाई है। जगह-जगह युद्धपोतों को तैनात करके भारतीय नौसेना अरब सागर में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा रही है।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 12 January 2024 at 12:53 IST