अपडेटेड 18 August 2021 at 14:54 IST
अफगानिस्तान में कौन सी फसल होती है सबसे ज्यादा और भारत क्या क्या खरीदता है? जानें...
भारत के लिए अफगानिस्तान से बहुत सी जरूरी चीजें मिलती है। ड्राई फ्रूट्स को छोड़ दें तो अफगानिस्तान बहुत बड़े पैमाने पर अफीम की खेती करने वाला देश है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
- 2 min read

दो दशक के बाद अफगानिस्तान अपने घर के अंदर ही तालिबान से मात खा बैठा है। अमेरिकी मदद से तैयार और प्रशिक्षित अफगान सुरक्षाबलों के पांव तालिबान के सामने इतनी तेजी से पूरी तरह उखड़ जाएंगे, ये किसी ने सोचा भी नहीं था। अमेरिकी सेना के हटते ही महज कुछ दिन के अंदर बिना लड़ाई लड़े अफगानिस्तान की सेना ने तालिबान के आगे हथियार डाल दिए। यहां तक कि अफगान बलों ने कुछ मामलों में लड़ाई के बजाए अपने हथियारों और वाहनों के साथ आत्मसमर्पण करने का विकल्प चुना। जिसे बाद हालात ये हुए कि अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाके कम संख्या, कम उन्नत हथियारों और बिना हवाई शक्ति के भी मुल्क पर कब्जा करने में कामयाब हो गए और सत्ता हथिया ली। फिर अफगानिस्तान पर तालिबान का परचम लहराने लगा है।
फिलहाल अब अफगानिस्तान में तालिबान का राज हो गया है, लेकिन दुनिया इसे लेकर काफी चिंतित है। खासकर व्यापार और जरूरत की चीजें को लेकर कुछ देशों के लिए मुश्किल जरूरी खड़ी नजर आ रही है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद इन देशों की चिताएं बढ़ गई है। भारत समेत कई ऐसे देश हैं, जो अफगानिस्तान से कई जरूरी चीजों का आयात करते हैं। मगर अब अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण का आयात-निर्यात व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है। हालांकि फिलहाल भारत के नजरिए से ही अफगानिस्तान के साथ व्यापार की स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं।
अफगानिस्तान से क्या क्या खरीदता है भारत ?
भारत के लिए अफगानिस्तान से बहुत सी जरूरी चीजें मिलती है। अफगानिस्तान से आयात में सूखे किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट, पिस्ता, सूखे खुबानी और खुबानी, चेरी, तरबूज और औषधीय जड़ी-बूटियों और ताजे फल शामिल है।
Advertisement
भारत क्या क्या बेचता है अफगान को ?
अफगानिस्तान के लिए भारत से भी जरूरत की बहुत सी चीजें भेजी जाती है। इनमें चाय, कॉफी, काली मिर्च, कपास, खिलौने, जूते और विभिन्न अन्य उपभोग्य वस्तुएं हैं, जिन्हें भारत से अफगानिस्तान निर्यात किया जाता है।
Advertisement
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर था। इससे पहले यह 2019-20 में 1.52 अरब अमेरिकी डॉलर था। भारत से निर्यात 82.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर था, जबकि 2020-21 में आयात 5.10 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।
अफगानिस्तान में क्या क्या पैदा होता है ?
ड्राई फ्रूट्स को छोड़ दें तो युद्धग्रस्त अफगानिस्तान बहुत बड़े पैमाने पर अफीम की खेती करने वाला देश है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आधे से ज्यादा अफगानिस्तान में अफीम पैदा की जाती है। अफगानिस्तान के दक्षिणी कंधार और हेलमंड प्रांत अवैध मादक पदार्थो की बड़े पैमाने पर खेती करने वाले इलाकों में गिना जाता है। वैसे तो अफगानिस्तान में कुल भूमि क्षेत्र का केवल एक-आठवां हिस्सा ही कृषि योग्य है और कृषि योग्य क्षेत्र में केवल आधा ही सालाना खेती की जाती है। अधिकांश कृषि योग्य क्षेत्र में परती खेती वाली भूमि या सीढ़ियां और पहाड़ होते हैं जो चरागाह के रूप में काम करते हैं।
नशीली दवाओं के अवैध बाजार और तस्करी के व्यापार में मिलने वाले अधिक मुनाफे को पारंपरिक कृषि और खाद्य उत्पादन में भारी कटौती की वजह बताया जाता है। अफगानिस्तान को अब अपना अधिकांश खाद्य पदार्थ पाकिस्तान से आयात करना पड़ता है। हालांकि पहले अधिकांश खेती वाली भूमि पर अनाज पैदा किया जाता था, जिसमें गेहूं मुख्य फसल थी। परंपरागत रूप से उगाए जाने वाले अन्य खाद्यान्नों में मक्का, चावल और जौ भी शामिल था। कपास घरेलू कपड़ा उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण था। फल और मेवा पहले ही महत्वपूर्ण निर्यात वस्तु रहे हैं।
अफगानिस्तान का आयात-निर्यात ?
हालांकि, अफगानिस्तान में कुल वार्षिक आयात सामान्य रूप से निर्यात से अधिक है। अफगानिस्तान के साम्यवादी शासन के पतन से पहले लगभग दो-तिहाई निर्यात पूर्व सोवियत गणराज्यों को उत्तर में जाता था। सोवियत राज्य भी आयात का प्रमुख स्रोत था। मुख्य निर्यात प्राकृतिक गैस, ज्यादातर सोवियत संघ में प्रवाहित हुई, जब तक कि पाइपलाइनें बंद नहीं हो गई। पारंपरिक निर्यात सूखे मेवे, नट, कालीन, ऊन और कारकुल पेल्ट्स है और आयात में वाहन, पेट्रोलियम उत्पाद, चीनी, वस्त्र, संसाधित पशु और वनस्पति तेल और चाय शामिल है।
1990 के दशक के मध्य से पाकिस्तान और ईरान ने उपभोक्ता वस्तुओं के प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में काम किया है। अन्य प्रमुख व्यापार भागीदारों में भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 18 August 2021 at 14:45 IST