अपडेटेड 15 August 2021 at 08:32 IST

काबुल पर जल्द कब्जा कर सकता है तालिबान; अमेरिका ने दूतावास को गोपनीय दस्तावेजों को जलाने का दिया निर्देश

सूत्रों के मुताबिक, काबुल में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को संवेदनशील दस्तावेजों को जलाने के लिए कहा गया है। ताकि कोई गोपनीय जानकारी तालिबान के हाथ न लग जाए।

फोटो साभार - AP/representative
फोटो साभार - AP/representative | Image: self

अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान सरकार के बीच गृहयुद्ध जारी है, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। तालिबान का दावा है कि उसने अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक, काबुल में अमेरिका ने अपने दूतावास के कर्मचारियों को संवेदनशील दस्तावेजों को जलाने के लिए कहा है, ताकि कोई गोपनीय जानकारी तालिबान के हाथ न लग जाए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबानी आतंकियो ने काबुल से महज 80 किलोमीटर दूर लोगहर प्रांत में पुल-ए-आलम पर कब्जा कर लिया है। हालात को देखते हुए, कर्मचारियों को अफगानिस्तान की राजधानी में दूतावास कार्यालय में कागजातों और अमेरिकी राष्ट्रीय ध्वज को हटाने लिए कहा गया है।

काबुल में वाणिज्य दूतावास कार्यालय बंद

अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा किए जा रहे हिंसा के बीच, ईरान ने अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ में स्थित महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय में संचालन को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है। अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर में तालिबानी विद्रोहियों द्वारा हिंसा को बढ़ावा देने के बाद यह फैसला आया है। 

हाल ही में, अफगानिस्तान में रह रहे भारतीयों के बारे में बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, और भारतीयों को वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से भारत लौटने की सलाह दे रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हम वहां अल्पसंख्यकों (हिंदू और सिख) को सभी आवश्यक सहायता सुनिश्चित करेंगे।

Advertisement

उन्होंने कहा, "पिछले साल, काबुल में हमारे मिशन ने अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय के 383 से अधिक सदस्यों को भारत वापसी की सुविधा दी थी। काबुल में हमारा मिशन अफगान हिंदू और सिख समुदाय के सदस्यों के संपर्क में बना हुआ है और हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सभी आवश्यक सहायता मिल सके।"

वहीं, यूएस न्यूज के अनुसार खबर आ रही है कि यदि आतंकवादी समूह तालिबान काबुल में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार पर हावी हो जाता है, तो बीजिंग तालिबान को युद्धग्रस्त देश के वैध शासक के रूप में मान्यता देने की तैयारी कर रहा है। 

इसे भी पढ़ें - अफगानिस्तान के हालात लगातार बिगड़ रहे, अपने नागरिकों के संपर्क में है भारत: विदेश मंत्रालय

इसे भी पढ़ें - अफगानिस्तान: सत्ता में आने पर 'तालिबान सरकार' को मान्यता दे सकता है चीन- अमेरिकी सूत्रों का खुलासा

Advertisement

Published By : Manish Bharti

पब्लिश्ड 15 August 2021 at 08:32 IST