अपडेटेड 20 September 2024 at 10:21 IST

ब्रिटेन: संगीत परीक्षा बोर्ड ने कीर्तन को पहली बार ‘सिख पवित्र संगीत’ के तौर पर दी मान्यता

UK: संगीत परीक्षा बोर्ड ने कीर्तन को पहली बार ‘सिख पवित्र संगीत’ के तौर पर मान्यता दे दी है।

Indian Sikh pilgrim dies in Lahore due to Cardiac Arrest
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: PTI/representative

UK: ब्रिटेन में पहली बार कीर्तन को संगीत शिक्षा की ग्रेड प्रणाली में शामिल किया गया है यानी छात्र शुक्रवार से ‘सिख पवित्र संगीत’ से जुड़े पाठ्यक्रम का औपचारिक रूप से अध्ययन कर सकेंगे।

बर्मिंघम में संगीतकार और शिक्षाविद् हरजिंदर लाली ने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के समान कीर्तन को भी उचित स्थान दिलाने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए वर्षों समर्पित किए हैं कि यह पारंपरिक संगीत विधा भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहें।

‘गुरु ग्रंथ साहिब’ में मौजूद ‘शबदों’ का गायन कीर्तन कहा जाता है और सिख धर्म में यह भक्ति भाव प्रकट करने का तरीका है।

लंदन स्थित संगीत शिक्षक बोर्ड (एमटीबी) वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त आठ-ग्रेड संगीत परीक्षाओं के तहत ‘सिख पवित्र संगीत’ पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा।

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ब्रिटेन में गुरमत संगीत अकादमी के शिक्षक डॉ. लाल्ली ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी विरासत को संरक्षित रखें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पाठ्यक्रम को स्वीकृत और शुरू कराने में 10 साल की कड़ी मेहनत लगी है।... मुझे गर्व है कि अब यह मेहनत रंग लाई है।’’

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उन्होंने कहा कि पश्चिमी श्रोता अब इस बात को समझ रहे हैं कि सिख कीर्तन वायलिन, पियानो या किसी अन्य पश्चिमी समकालीन संगीत शैली से कम नहीं है।

सिख पवित्र संगीत पाठ्यक्रम में पांच भारतीय वाद्ययंत्रों - दिलरुबा, ताऊस, इसराज, सारंगी और सारंडा को मान्यता दी गई है।

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Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 20 September 2024 at 10:21 IST