अपडेटेड 14 September 2025 at 16:40 IST
नेपाल हिंसा में मारे गए लोगों को मिलेगा शहीद का दर्जा, परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान, अब तक 72 लोगों की मौत
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने घोषणा करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को आधिकारिक तौर पर शहीद का दर्जा दिया जाएगा। सरकार शहीदों के परिवारों को 10-10 लाख नेपाली रुपये की सहायता भी देगी।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Nepal Gen Z Protest : नेपाल सरकार ने हाल ही में हुई हिंसा में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही, सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है। अब तक इस हिंसा में 72 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आंदोलन में मारे गए सभी युवाओं को सरकारी रूप से शहीद घोषित किया जाएगा। Gen Z आंदोलनकारियों के लिए ऐसा फैसला किया कि गर्व महसूस करेंगे।
सुशीला कार्की ने पदभार संभालते ही सख्त तेवर अपनाए हैं। रविवार को जवाबदेही का एक मजबूत संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन "सत्ता का स्वाद चखने" के लिए नहीं, बल्कि देश को स्थिर करने, न्याय की मांगों को पूरा करने और 6 महीने के भीतर नए चुनावों की तैयारी करने के लिए है। सिंह दरबार में औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करने के बाद कार्की ने कहा,
"मैं और मेरी टीम यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम 6 महीने से अधिक यहां नहीं रुकेंगे। हम नई संसद को जिम्मेदारी सौंप देंगे।"
शहीद का दर्जा और मुआवजा
राष्ट्रीय संबोधन में सुशीला कार्की ने 8 सितंबर को हुए राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की सराहना की है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को आधिकारिक तौर पर शहीद के रूप में मान्यता दी जाएगी। सरकार के इस कदम का उद्देश्य मृतकों के परिवारों को सम्मान और आर्थिक सहायता देना है। सरकार शहीदों के परिवारों को 10-10 लाख नेपाली रुपये की सहायता देगी।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार विरोध प्रदर्शनों में 72 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसमें 59 प्रदर्शनकारी, 10 कैदी और 3 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। सरकार ने 134 घायल प्रदर्शनकारियों और 57 घायल पुलिसकर्मियों के इलाज की घोषणा की है। सुशीला कार्की ने कहा, " नेपाल में 27 घंटे का आंदोलन पहली बार हुआ है। वे आर्थिक समानता और भ्रष्टाचार उन्मूलन की मांग कर रहे हैं।
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हिंसा की घटनाओं की होगी जांच
सुशीला कार्की ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार बर्बरता और हिंसा की घटनाओं की भी जांच करेगी। काठमांडू से शवों को अन्य जिलों में स्थानांतरित करने में सरकार मदद करेगी। उन्होंने कहा, “हम आर्थिक संकट में हैं। हमें पुनर्निर्माण पर चर्चा और काम करना चाहिए।”
नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति तब हुई, जब विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद प्रदर्शनकारियों ने उनकी ईमानदारी और स्वतंत्रता का हवाला देते हुए अंतरिम पद के लिए उनके नाम का सामूहिक रूप से समर्थन किया।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 14 September 2025 at 16:27 IST