अपडेटेड 21 August 2021 at 19:50 IST

तालिबान ने अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में लड़के-लड़कियों के साथ पढ़ने पर लगायी रोक'

तालिबान के अधिकारियों ने अशांत हेरात प्रांत में सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालयों में लड़के और लड़कियों के एक साथ पढ़ने पर रोक लगाते हुए इसे ‘‘समाज में सभी बुराइयों की जड़’’ बताया।

pc : pti
pc : pti | Image: self

अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का आश्वासन देने के कुछ दिनों बाद तालिबान के अधिकारियों ने अशांत हेरात प्रांत में सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालयों में लड़के और लड़कियों के एक साथ पढ़ने पर रोक लगाते हुए इसे ‘‘समाज में सभी बुराइयों की जड़’’ बताया।

खामा प्रेस समाचार एजेंसी ने शनिवार को बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, निजी संस्थानों के मालिकों और तालिबान प्राधकारियों के बीच बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। अफगानिस्तान में गत सप्ताह सत्ता पर अचानक कब्जा जमाने के बाद से यह तालिबान का पहला ‘फतवा’ है।

तालिबान का लंबे समय से प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद मंगलवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आया था और उन्होंने वादा किया था कि तालिबान इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेगा।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और निजी शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों के साथ तीन घंटे तक चली बैठक में तालिबान के प्रतिनिधि और अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा प्रमुख मुल्ला फरीद ने कहा कि कोई विकल्प नहीं है और लड़के-लड़कियों का साथ पढ़ना खत्म होना चाहिए।

Advertisement

उन्होंने यह भी कहा कि महिला आध्यापिकाओं को केवल महिला छात्रों को पढ़ाने की अनुमति होगी और वे पुरुष छात्रों नहीं पढ़ाएंगी। फरीद ने सह-शिक्षा को ‘समाज में सभी बुराइयों की जड़’ बताया।

शिक्षाविदों ने बताया कि सरकारी विश्वविद्यालयों पर इस फैसले का असर नहीं पड़ेगा लेकिन निजी संस्थानों को संघर्ष करना पड़ेगा जो पहले ही महिला छात्रों की कमी से जूझ रहे हैं।

Advertisement

आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, हेरात में निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में 40,000 छात्र और 2,000 व्याख्याता हैं।

इसे भी पढ़ें : फतेहपर में अवैध असलहा कारखाने का फंडाफोड़, पांच गिरफ्तार

Published By : Press Trust of India (भाषा)

पब्लिश्ड 21 August 2021 at 19:23 IST