अपडेटेड 2 April 2025 at 14:37 IST

Russia Ukraine War: ट्रंप युद्ध रुकवा पाएंगे? पुतिन के एक फैसले से दुनिया में मची खलबली, 1.60 नए सैनिकों का मकसद क्या?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 1.60 नए सैनिकों की भर्ती का आदेश दिया है। रूसी राष्ट्रपति के इस आदेश के साथ दुनियाभर में खलबली मच गई है।

Russian Army and President Putin
रूसी सैनिकों को लेकर राष्ट्रपति पुतिन का बड़ा आदेश। | Image: AP

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कुछ बड़ा करने वाले हैं, इसकी चर्चा दुनियाभर में हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने करीब एक दशक बाद डेढ़ लाख से ज्यादा युवा सैनिकों की भर्ती का आदेश दिया है। ऐसे में यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच एक चिंता और है कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जंग को रूकवा पाएंगे या नहीं।

जानकारी के अनुसार 18 से लेकर 30 साल के 1 लाख 60 हजार युवाओं की भर्ती का आदेश दिया गया है। राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी सेना को सैनिकों की संख्या 137,000 बढ़ाकर कुल 1.15 मिलियन करने का आदेश दिया। बता दें, 2011 के बाद पहली बार रूस में ऐसा कोई आदेश दिया गया है। 14 साल बाद पुतिन के इस आदेश के पीछे का मकसद बड़ा माना जा रहा है। ऐसे में अमेरिका तक हलचल तेज हो गई है।

1 जनवरी से प्रभावी होने वाले पुतिन के आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सेना बड़ी संख्या में सैनिकों की भर्ती करके, स्वयंसेवक सैनिकों की संख्या बढ़ाकर या दोनों का संयोजन करके अपने रैंक को मजबूत करेगी। लेकिन कुछ रूसी सैन्य विश्लेषकों ने भविष्यवाणी की कि यह स्वयंसेवकों पर बहुत अधिक निर्भर करेगा, यह एक सतर्क रुख है जो ड्राफ्ट बढ़ाने के प्रयास से संभावित नतीजों के बारे में क्रेमलिन की चिंताओं को दर्शाता है।

सेना में भर्ती की अधिकतम उम्र बढ़ाई गई

बता दें, रूसी सेना में युवाओं के लिए  भर्ती की अधिकतम उम्र 27 साल थी। हालांकि, इसे बढ़ाकर अब 30 साल कर दिया गया है। सभी युवाओं को सेना में भर्ती के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। राष्ट्रपति के आदेश से रूसी सैन्य कर्मियों की कुल संख्या 2,039,758 हो जाएगी, जिसमें 1,150,628 सैनिक शामिल हैं। पिछले आदेश में 2018 की शुरुआत में सेना की संख्या क्रमशः 1,902,758 और 1,013,628 बताई गई थी।

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रूसी मीडिया ने किया बड़ा दावा

क्रेमलिन के अनुसार यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान में केवल स्वयंसेवी अनुबंध सैनिक ही भाग लेते हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया कि वह किसी लामबंदी पर विचार कर रहा है। वहीं रूसी मीडिया और गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि रूसी अधिकारियों ने अधिक स्वयंसेवकों को आकर्षित करके, निजी सैन्य ठेकेदारों को शामिल करके और यहां तक ​​कि सैन्य ड्यूटी के दौरे के बदले में कुछ कैदियों को माफी की पेशकश करके यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई में शामिल सैनिकों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 2 April 2025 at 14:30 IST