अपडेटेड 3 October 2024 at 16:24 IST

लेबनान में हिजबुल्लाह के गढ़ को साफ कर रहा इजरायल, रूस ने भेजी राहत सामग्री, क्या होगा युद्ध का रुख?

हिजबुल्लाह के गढ़ में इजरायल के सफाई ऑपरेशन के बीच रूस ने लेबनान के लिए मानवीय सहायता भेजी है।

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अली खामेनेई और बेंजामिन नेतन्याहू | Image: Republic

इजरायल की डिफेंस फोर्स लेबनान में ताबड़तोड़ एक्शन के साथ ऑपरेशन चला रही है। इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत कर दी है। इस बीच रूस के इमरजेंसी मंत्रालय ने लेबनान में राहत सामग्री भेजी है। रूस ने लेबनान के लोगों के लिए 33 टन मानवीय सहायता पहुंचाई है। 

रूस के मानवीय सहायता में खाना, दवाइयां और मोबाइल पॉवर प्लांट शामिल हैं। यह मदद लेबनान को उसके मौजूदा संकट के दौरान सहायता देने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के हिस्से के रूप में भेजी गई है, जिसका उद्देश्य प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान करना है। बता दें, इससे पहले रूस ने लेबनान और इजरायल से अपनी सेना वापस बुलाने का ऐलान किया था। बता दें, इजरायल ने पहले ही कहा है कि अगर किसी ने उसके ऊपर हमला किया तो इसका जवाब अवश्य मिलेगा। इसके साथ ही इजरायल ने ये भी कहा था कि अगर किसी ने इसके दुश्मनों की मदद की तो वो भी हमारा दुश्मन होगा। ऐसे में रूस का लेबनान में मदद भेजना युद्ध में आगे कौन सा मोड़ लेकर आएगा, ये देखना होगा।

लेबनान ने अमेरिका से मांगी थी मदद

हिजबुल्लाह के चीफ नसरल्लाह की हत्या के ठीक 5 दिन बाद लेबनान ने अमेरिका के सामने मदद की गुहार लगाई थी। लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बौ हबीब ने कहा था कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अमेरिका सीजफायर में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया था कि नसरल्लाह और पीएम नेतन्याहू के बीच 21 दिनों के सीजफायर पर सहमती बनी थी। हालांकि, इसके बाद ही उनकी हत्या कर दी गई।

एक तरफ इजरायल लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ लड़ाई लड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ ईरान के साथ भी जंग जारी है। मंगलवार को ईरान ने इजरायल के ऊपर अबतक का सबसे बड़ा हमला किया। ईरान को लेकर भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डैनियल कार्मोन ने बता कि आखिर ईरान को किन-किन देशों का साथ मिल रहा है।

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7 मोर्चों पर संघर्ष कर रहा इजरायल

भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डैनियल कार्मोन ने कहा, "इजरायल सात मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है- तीन इनमें प्रमुख है। हूती, इराक, वेस्ट बैंक, सीरिया, हमास, हिजबुल्लाह और ईरान। यह एक असंभव स्थिति है, लेकिन हम जीत रहे हैं क्योंकि हमारे पास क्षमताएं हैं। हमारे पास बहुत अच्छी सेना, डिफेंस सिस्टम, एयर डिफेंस सिस्टम और पार्टनर हैं, जिन्होंने कल हमारी मदद की, जैसे अमेरिका।"

उन्होंने कहा, "मैं यह दर्शाना और सुझाव देना चाहता हूं कि स्थिति को इस रूप में देखा जाना चाहिए कि यह एक अवसर है कि 'बुराइयों की धुरी' का सामना करने के लिए उदारवादी देशों, जिनमें से कई इस क्षेत्र से हैं, के साथ मिलकर 'शांति की धुरी' बनाई जाए।"

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इन देशों से ईरान को मिल रहा मदद

पूर्व राजदूत ने बताया कि आखिर किन देशों से ईरान को मदद मिल रहा है। कार्मोन ने बताया, "मुझे ईरान का समर्थन करने वाले देशों की लिस्ट मिली है- तुर्किए, रूस, चीन, लेबनान, यमन। ये ईरान के नेतृत्व वाली 'बुराइयों की धुरी' हैं और इसमें हमास और हिजबुल्लाह भी शामिल है।"

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 3 October 2024 at 16:09 IST