अपडेटेड 3 September 2024 at 20:41 IST
Russia Attack Ukraine: रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी, 2022 से युद्ध जारी है। इस जंग में दोनों देशों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि रूस ने दो बैलिस्टिक मिसाइल दागकर मध्य-पूर्वी यूक्रेन स्थित एक सैन्य प्रशिक्षण प्रतिष्ठान और नजदीकी अस्पताल पर हमला किया है। इस हमले में कम से कम 41 लोगों के मारे जाने और 180 के घायल होने का दावा किया गया है।
रूस ने ये हमला यूक्रेन के पोल्टावा शहर पर किया है। पोल्टावा रूस की सीमा से करीब 110 किलोमीटर (70 मील) और कीव से करीब 350 किलोमीटर (200 मील) दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह शहर राजधानी कीव और यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के बीच मुख्य राजमार्ग और रेल मार्ग पर स्थित है। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से यह हमला रूसी सेना द्वारा किए गए सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, 'संचार संस्थान की इमारतों में से एक आंशिक रूप से नष्ट हो गई। लोग मलबे में दब गए। कई लोगों को बचा लिया गया। बचाव अभियान में सभी आवश्यक सेवाएं शामिल हैं।' जेलेंस्की ने कहा कि जो कुछ हुआ उसकी उन्होंने जल्द और पूरी जांच के आदेश दिए हैं।
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हवाई हमले की चेतावनी जारी होने के तुरंत बाद मिसाइलों से तब हमला हुआ जब कई लोग छिपने के लिए बंकरों की ओर जा रहे थे। मंत्रालय ने इस हमले को बर्बर करार दिया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बचाव दल और चिकित्सकों ने 25 लोगों को बचाया, जिनमें से 11 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया।
पोल्टावा के गवर्नर फिलिप प्रोनिन ने बुधवार से तीन दिन के शोक की घोषणा की है। प्रोनिन ने अपने टेलीग्राम पेज पर लिखा, 'पोल्टावा क्षेत्र और पूरे यूक्रेन के लिए एक बड़ी त्रासदी। दुश्मन को निश्चित रूप से मानवता के खिलाफ अपने सभी अपराधों का जवाब देना होगा।'
यह हमला उस दिन हुआ जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगोलिया के दौरे पर हैं। इस बात का कोई संकेत नहीं है कि उनके मेजबान कथित युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय वारंट पर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग पर ध्यान देंगे। जेलेंस्की ने यूक्रेन के पश्चिमी साझेदारों से सैन्य सहायता की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपनी अपील दोहराई। वह यह भी चाहते हैं कि पश्चिमी साझेदार उन प्रतिबंधों में ढील दें जिनमें निर्धारित किया गया है कि उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए हथियारों से यूक्रेन रूसी धरती पर किन चीजों को निशाना बना सकता है और किनको नहीं।
कुछ देशों को डर है कि रूस पर हमला करने से युद्ध का दायरा बढ़ सकता है। जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर लिखा, 'लंबी दूरी के हमले जो हमें रूसी आतंक से बचा सकते हैं, उनकी अभी जरूरत है, बाद में नहीं। दुर्भाग्यवश, हर दिन की देरी का मतलब है और अधिक मौत।'
(भाषा इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत डेस्क)
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पब्लिश्ड 3 September 2024 at 20:41 IST