अपडेटेड 9 July 2024 at 20:58 IST

PM मोदी को मिला रूस का सर्वोच्च पुरस्कार, जानिए 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' के बारे में सबकुछ

PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' (Order of St. Andrew the Apostle) से सम्मानित किया गया।

PM Modi-Putin
Putin Awards PM Modi Russia's Highest Civilian Honour, Order of St Andrew the Apostle | Image: ANI

The Order of St. Andrew the Apostle: भारत और रूस के बीच साझेदारी और दोस्ती को बढ़ावा देने के उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' (Order of St. Andrew the Apostle) से सम्मानित किया गया। आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया।

'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 140 करोड़ देशवासियों का सम्मान बताया। उन्होंने कहा कि यह भारत और रूस की सदियों पुरानी गहरी मित्रता और आपसी विश्वास का सम्मान है। यह हमारी स्पेशल और प्रिविलेज स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का सम्मान है।

'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' के बारे में सबकुछ

द ऑर्डर की स्थापना 1698 में जार पीटर द ग्रेट द्वारा यीशु के पहले प्रेरित और रूस के संरक्षक संत सेंट एंड्रयू के सम्मान में की गई थी। यह एक ही वर्ग में प्रदान किया जाता था और केवल सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए प्रदान किया जाता था। यह समारोह ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू के भव्य हॉल में आयोजित हुआ। इसका उपयोग सदियों से रूस में औपचारिक आयोजनों के लिए किया जाता रहा है। जारिस्ट युग के दौरान इसमें मौजूदा राजा का सिंहासन था। हाल ही में इसका उपयोग रूसी राष्ट्रपति के उद्घाटन समारोह के आयोजन के लिए किया गया है। इन ऐतिहासिक दीवारों के भीतर किसी अन्य देश के नेता को पुरस्कार देना वास्तव में एक बड़ा सम्मान है।

PM मोदी ने क्या कहा?

'ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से नवाजे जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि पिछले लगभग 2.5 दशक से आपके नेतृत्व में भारत और रूस के संबंध हर दिशा में मजबूत हुए हैं और हर बार और नई ऊंचाइयों को प्राप्त करते रहे हैं। आपने दोनों देशों के बीच जिन रणनीतिक संबंधों की नींव रखी थी वह गुजरते समय के साथ और मजबूत होकर निकली है। पीपल-टू-पीपल पार्टनरशिप पर आधारित हमारा पारस्परिक संबंध हमारे लोगों के बेहतर भविष्य की उम्मीद भी बन रहा है, गारंटी भी बन रहा है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 9 July 2024 at 19:36 IST