अपडेटेड 17 August 2021 at 23:07 IST
Pakistan: लाहौर में तीसरी बार तोड़ी गई महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति, हुड़दंगियों ने लगाए नारे; देखें VIDEO
पाकिस्तान कई सालो से भारत की निशानियों को खत्म करने की हर जद्दोजहद कर रहा हैं। जहां अब कट्टरपंथी समूह ने महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा पर हमला बोल रहें हैं।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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पड़ोसी मुल्क पकिस्तान ने एक बार फिर गलत हरकत की है। यहां हिंदुओं और भारतीय इतिहास से जुड़े प्रतीक को निशाना बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक लाहौर किले के बाहर मौजूद महराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ दिया गया है। इस घटिया करतूत का आरोप तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) संगठन से जुड़े एक व्यक्ति पर लगा है। बताया जा हा है कि उसने पहले रणजीत सिंह के खिलाफ नारे लगाए और फिर उनकी मूर्ति को तोड़कर जमीन पर गिरा दिया। हालांकि मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वो मूर्ति तोड़ने में कामयाब हो गया।
बता दें कि महाराजा रणजीत सिंह की 9 फीट ऊंची प्रतिमा को तीसरी बार तोड़ा गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो को बीजेपी लीडर विष्णु वर्धन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। इसमें एक व्यक्ति को मूर्ति की एक भुजा तोड़ते हुए और बाद में शरीर को धक्का देते हुए देखा सकता है। वहां मौजूद अन्य लोगों ने उसे रोक लिया। खबरों के मुताबिक मूर्ति को तोड़ने वाले व्यक्ति को तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का सदस्य बताया गया है, जिसे पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया।
उल्लेखनीय है कि जून 2019 में प्रतिमा का अनावरण किया गया था और अगस्त 2019 में पहली बार तोड़फोड़ की गई थी। दिसंबर 2020 में, प्रतिमा पर फिर से हमला किया गया था। देखें पूरा वीडियो
महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा का अनावरण 2019 में लाहौर किला परिसर में किया गया था। उसी वर्ष तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के सदस्यों द्वारा इस पर हमला किया गया था। यह तीसरी बार है जब उच्च सुरक्षा वाले लाहौर किला परिसर में स्थित महाराजा की प्रतिमा को तोड़ा गया है। महाराजा की 180 वीं पुण्यतिथि को चिह्नित करने के लिए जून 2019 में लाहौर किले में ब्रोंज (BRONZE) से बनी नौ फीट की प्रतिमा का अनावरण किया गया था। हिस्ट्री के मुताबिक बताया जाता है कि सिख साम्राज्य के पहले महाराजा रणजीत सिंह ने करीब 40 वर्षों तक पंजाब पर शासन किया। जिसके बाद 1839 में उनकी मृत्यु हो गई थी।
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इस प्रतिमा में शाही महाराजा रणजीत सिंह को घोड़े पर बैठे, हाथ में तलवार, सिख पोशाक में पूर्ण रूप से दिखाया गया है। जब प्रतिमा पर पहली बार हमला हुआ था तब पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार किया था। वे एक विकलांग व्यक्ति और उसके सहायक के रूप में किले में दाखिल हुए थे। पैर की विकलांगता का नाटक करने वाले व्यक्ति ने मूर्ति को पहले छड़ी से मारा, जबकि दूसरे व्यक्ति ने उसकी मदद की। जिसके बाद मूर्ति का एक हाथ और अन्य हिस्सा टूट गया।
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पुलिस ने कहा कि हमलावरों का मानना था कि मुस्लिम देश में सिख शासक की मूर्ति लगाना उनके धर्म के खिलाफ है। प्रतिमा का निर्माण और स्थापना यूके स्थित सिख हेरिटेज फाउंडेशन के सहयोग से वालड सिटी ऑफ लाहौर अथॉरिटी (डब्ल्यूसीएलए) द्वारा की गई थी।
Published By : Priya Gandhi
पब्लिश्ड 17 August 2021 at 23:07 IST