अपडेटेड May 9th 2025, 15:07 IST
आतंक के खिलाफ भारत के एक्शन ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वो लगातार भारत में आम नागरिकों को अपना निशाना बना रहा है। वहीं, भारत की तरफ से भी PAK के एक हमले का मुंहतोड़ जवाब मिल रहा है। भारत-पाकिस्तान तनाव पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पर अमेरिका से लेकर चीन तक की प्रतिक्रिया आ रही है। एक सुर में सबने आतंकवाद का विरोध किया है। मगर चीन ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने और युद्ध से बचने का आग्रह भी किया है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर चीन की धड़कन क्यों बढ़ रही है इसे समझते हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कल कहा, हमने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही स्थिति पर कल चीन की स्थिति साझा की है। चीन मौजूदा घटनाक्रमों से चिंतित है। भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे। वे दोनों चीन के पड़ोसी भी हैं। चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। इसके साथ ही उसने दोनों पड़ोसियों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में कार्य करने को कहा है।
लिन जियान ने कहा कि हम दोनों पक्षों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में काम करने, संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने, शांत रहने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाई करने से बचने का आग्रह करते हैं जो स्थिति को और जटिल बना सकती है। हम मौजूदा तनाव को कम करने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए बाकी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।
चीन भारत और पाकिस्तान के बीच बिगड़े हालात से इतने टेंशन में है कि वो मध्यस्था तक करने को तैयार है। इसके पीछे की बड़ी वजह ये है कि उसने पाकिस्तान में करोड़ों का निवेश कर रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन को डर सता रहा है कि दोनों देशों के बीच युद्ध के हुआ तो उसका करोड़ों का निवेश बेकार हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक, चीन ने 2005 से 2024 के बीच करीब 68 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। इसके अलावा चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपेक) और बेल्ट एंड रोड के तहत एक बड़ा निवेश कर रहा है। इन सब हालातों को देखते हुए चीन कभी नहीं चाहेंगे का का दोनों देशों के बीच जंग हो।
पब्लिश्ड May 9th 2025, 15:07 IST