अपडेटेड 23 March 2024 at 13:40 IST
1 मिनट में 360 राउंड फायरिंग, 710 MPS की रफ्तार, सब धुंआ-धुंआ; इसी राइफल ने मॉस्को में बरसाई मौत!
रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार को हमलावरों ने एक बड़े समारोह स्थल पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके कारण 70 लोगों की मौत हो गई
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Moscow Concert Attack: रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार को हमलावरों ने एक बड़े समारोह स्थल पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके कारण 70 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। हमलावरों ने गोलीबारी के बाद समारोह स्थल को आग लगा दी। इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
बताया जा रहा है कि कन्सर्ट हॉल में चार-पांच आतंकी घुसे थे। वो ऑटोमेटिक कलाश्निकोव राइफलों से लैस थे। सभी आतंकियों ने अलग-अलग दिशा से फायरिंग शुरू कर दी। रूसी जांच एजेंसी ने राइफल और उससे चलाई गई गोलियों के खोखों की तस्वीरें जारी की हैं। तो आईए आपको बताते हैं उस ऑटोमेटिक कलाश्निकोव राइफल के बारे में जिसने मास्कों में 'मौत की बारिश' की।
AK-47 राइफल के नाम से है चर्चित
कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल को रूसी भाषा में 'कलश' भी कहा जाता है। इसे सोवियत काल में 1947 में पहली बार बनाया गया था, जो एके-47 के रूप में भी चर्चित है। इसी का एडवांस वर्जन सन 1947 में बना जिसे AK- 74 के नाम से भी जानते हैं। इसका आविष्कार Mikhail Kalashnikov ने किया था, लेकिन उन्होंने अपने इस आविष्कार से कभी पैसा नहीं कमाया। 2013 में 94 साल की उम्र में Mikhail Kalashnikov की मौत हो गई थी।
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क्या है इन राइफलों की खासियत
- AK-47 राइफल में एक बार में 30 गोलियां भर सकते हैं।
- इस बदूंक की नली से गोली छूटने की रफ्तार 710 मीटर प्रति सेकंड होती है।
- इस बंदूक से एक सेकंड में 6 गोली निकलती हैं, यानी एक मिनट में लगभग 360 राउंड फायर।
- ये इतनी पावरफुल होती है कि कुछ दीवारों, यहां तक की कार के दरवाजे को भी भेद कर उसके पीछे बैठे इंसान को मार सकती है।
- इसे चलाने के लिए किसी तरह की खास ट्रेनिंग की जरूरत भी नहीं होती।
- इसकी साफ-सफाई करना और इसे मेटेंन करना बहुत आसान होता है।
- इसका Akm वर्जन इस समय दुनिया का सबसे हल्का राइफल का वर्जन है। फुल लोड होने के बाद भी इसका वजन मात्र 4 किलो होता है।
- AK47 में Automatic और Semi Automatic दोनों तरह से काम कर सकती है। Automatic मोड़ में एक बार टिगर दबाने से गोलियां चलती रहतीं हैं और Semi Automatic में एक बार ट्रिगर दबाने से सिर्फ एक गोली ही निकलती है।
- AK-47 राइफल एक अकेली ऐसी राइफल है जो पानी, मिट्टी या रेत किसी भी वातावरण में काम कर सकती है।
- यह बंदूक मात्र 8 पुर्जों से मिलकर बनती है और और इन्हें 1 मिनट में जोड़ा जा सकता है।
- AK-47 300 मीटर की दूरी तक अचूक निशाना लगा सकती है। अगर शूटर अच्छा हो तो इससे 800 मीटर तक की दूरी पर भी निशाना लगाया जा सकता है।
- आधुनिक AK-47 राइफल में एक ग्रेनेड लांचर को भी जोड़ा जा सकता है।
- इस गन की लाईफ 6000 से 15000 राउंड फायर तक होती है।
ISIS ने ली मॉस्को हमले की जिम्मेदारी
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इस्लामिक स्टेट समूह ने सोशल मीडिया पर संबद्ध चैनलों पर साझा किए गए एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली। इस्लामिक स्टेट समूह ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक द्वारा साझा किए गए एक बयान के जरिए कहा कि उसने मॉस्को के बाहरी इलाके क्रास्नोगोर्स्क में ‘ईसाइयों’ की एक बड़ी सभा पर हमला किया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए।
फिलहाल दावे की प्रामाणिकता सत्यापित नहीं की जा सकी है लेकिन एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी को पता चला था कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह की शाखा मॉस्को में हमले की योजना बना रही थी और उन्होंने रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमलावरों का क्या हुआ। इसे रूस में पिछले दो दशक में हुआ सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब देश का यूक्रेन के साथ युद्ध तीसरे साल भी जारी है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 23 March 2024 at 13:26 IST