अपडेटेड 8 March 2025 at 23:29 IST
Syria में सरकारी सेना का असद समर्थकों पर जबरदस्त एक्शन, 2 दिन की झड़प में 600 से अधिक लोगों की मौत
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को अपदस्थ करके सत्ता पर विद्रोहियों के कब्जा करने के 3 महीने बाद गुरुवार को शुरू हुई झड़प एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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बेरूत, आठ मार्च (एपी) सीरिया में सुरक्षा बलों और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच पिछले दो दिन में हुई झड़प में अब तक 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। युद्ध निगरानीकर्ता एक समूह ने शनिवार को यह जानकारी दी। सीरिया में 14 साल पहले हुए संघर्ष के बाद से यह हिंसा की सबसे घातक घटनाओं में से एक है।
सीरिया में तीन महीने पहले असद को अपदस्थ करके सत्ता पर विद्रोहियों के कब्जा करने के तीन महीने बाद बृहस्पतिवार को शुरू हुई यह झड़प दमिश्क की नयी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। सरकार ने कहा कि वे असद के समर्थकों द्वारा किए गए हमलों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर हुई इस हिंसा के लिए ‘‘अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा की गई कार्रवाइयों” को जिम्मेदार ठहराया।
कैसे शुरू हुई झड़पें?
सीरिया में हालिया झड़पें तब शुरू हुईं, जब सुरक्षा बलों ने बृहस्पतिवार को तटीय शहर जबलेह के पास एक वांछित व्यक्ति को हिरासत में लेने की कोशिश की। इस दौरान असद के वफादारों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया। सीरिया की नयी सरकार के प्रति वफादार सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारियों ने शुक्रवार को असद के अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के लोगों की हत्याएं शुरू की थीं, जिसके बाद से दोनों के बीच झड़पें जारी हैं। लेकिन यह हयात तहरीर अल-शाम के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इसी धड़े के नेतृत्व में विद्रोही समूहों ने असद के शासन का तख्तापलट कर दिया था।
89 जवानों की मौत
अलावी गांवों और कस्बों के निवासियों ने समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि बंदूकधारियों ने अलावी समुदाय के अधिकांश पुरुषों को सड़कों पर या उनके घरों के दरवाजे पर ही गोली मारी। ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने बताया कि इस झड़प में अब तक 428 अलावी मारे गए हैं। इनके अलावा असद समर्थक 120 लड़ाके और सुरक्षा बल के 89 जवान मारे गए हैं। संस्था के प्रमुख रामी अब्दुररहमान ने बताया कि बदला स्वरूप की जा रही हत्याएं शनिवार तड़के रुक गईं। कोई आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 8 March 2025 at 23:29 IST