अपडेटेड 7 July 2024 at 23:38 IST
Nepal News: मानसून की शुरुआत के बाद से पिछले चार सप्ताह में नेपाल में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 62 लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए हैं। यह जानकारी गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने रविवार को दी। अधिकारियों ने बताया कि मानसून से संबंधित इन मौतों के मुख्य कारण भूस्खलन, बाढ़ और आकाशीय बिजली गिरना हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में से 34 लोगों की मौत भूस्खलन से हुई, जबकि 28 लोग लगातार बारिश के कारण आयी बाढ़ में मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण सात लोग लापता बताए गए हैं।
भारी बारिश और उसके बाद आयी बाढ़ और भूस्खलन से संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है। कम से कम 121 मकान जलमग्न हो गए हैं और 82 अन्य क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' ने सभी राज्य तंत्रों को मानसून की बाढ़, भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। रविवार को सिंह दरबार स्थित नियंत्रण कक्ष में एक बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने सभी राज्य एजेंसियों को इन प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित नागरिकों के लिए बचाव और राहत प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने सभी नागरिकों से संभावित आपदाओं के प्रति सतर्क रहने का भी आग्रह किया और राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और सामाजिक संगठनों से आपदा जोखिमों को कम करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग करने का आह्वान किया।
इस बीच, माय रिपब्लिका समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, नारायणी नदी में जलस्तर चेतावनी स्तर से ऊपर पहुंचने के बाद गंडक बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं।
सुबह सात बजे गंडक बैराज में पानी का प्रवाह 440,750 क्यूसेक मापा गया। सप्तकोशी जल मापन केंद्र के हवाले से खबर में कहा गया है कि पानी का प्रवाह चेतावनी स्तर तक बढ़ने के बाद कोशी बैराज के 41 गेट खोल दिए गए हैं।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
पब्लिश्ड 7 July 2024 at 23:38 IST