अपडेटेड 19 January 2024 at 08:48 IST
मेरे लिए खुशी की बात है, भारत के साथ हम...एस जयशंकर से मिलकर बोले मालदीव के विदेश मंत्री बोले
India-Maldives: इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर मालदीव के मंत्रियों द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर काफी बवाल मचा था।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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India-Maldives Relation: भारत और मालदीव के रिश्तों में आई कड़वाहट के बीच अब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने गुरुवार, 19 जनवरी को मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की। यह मुलाकात यूगांडा की आर्थिक राजधानी कंपाला में हुए। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में मिठास नजर आएगी। दरअसल मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू चीन के करीब बताए जाते हैं, ऐसे में भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव साफ दिखाई दे रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कंपाला में हैं। यह सम्मेलन शुक्रवार से होनी है। बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आज कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात हुई। भारत-मालदीव संबंधों पर खुलकर बातचीत हुई। NAM से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई।”
सैन्य वापसी पर भी हुई बात
एस जयशंकर के अलावा मालदवी के विदेश मंत्री ने भी इसकी जानकारी एक्स पर शेयर की। उन्होंने कहा कि एस जयशंकर से मुलाकात करना मेरे लिए बेहद खुशी की बात है। मूसा जमीर ने लिखा “हमने भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी के साथ-साथ मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और दक्षेस तथा एनएएम के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च-स्तरीय चर्चा पर विचारों का आदान-प्रदान किया।” मालदीव के मंत्री ने लिखा, “हम भारत के साथ अपने सहयोग को और मजबूत और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत मालदीव में विभिन्न कल्याणकारी परियोजनाओं के कार्यान्वयन सहित देश के साथ अपने विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी परियोजनाओं और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मालदीव के एक महत्वपूर्ण विकास भागीदार रहे हैं।’’
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मालदीव द्वारा भारतीय सैनिकों की वापसी पर जोर देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सुझाव दिया कि इस मामले पर भारत-मालदीव ‘‘कोर ग्रुप’’ की अगली बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा। ‘‘कोर ग्रुप’’ की अगली बैठक अगले महीने की शुरुआत में नयी दिल्ली में होने वाली है।
भारत-मालदीव संबंधों में हाल में कुछ तनाव आ गया, क्योंकि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा कि वह भारतीय सैन्यकर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को निभाएंगे। मुइज्जू को व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है।
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गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर मालदीव के मंत्रियों द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर काफी बवाल मचा था। सोशल मीडिया पर लोग मालदीव को बायकॉट करने की बात करते देखे गए।
Published By : Arpit Mishra
पब्लिश्ड 19 January 2024 at 08:48 IST