अपडेटेड 7 August 2023 at 16:25 IST

कभी मिडिल ईस्ट का स्विट्जरलैंड कहा जाने वाला ये देश हुआ बर्बाद! 82 फीसद लोग गरीबी रेखा के नीचे

लेबनान का बैंकिंग सेक्टर दिवालिया बना हुआ है। देश के बैंकिंग सेक्टर में फाइनेंशियल लॉस 72 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक है।

Lebanon, previously described as Switzerland of Middle East
Lebanon, previously described as Switzerland of Middle East | Image: self

कभी मिडिल ईस्ट का स्विट्जरलैंड नाम से मशहूर लेबनान आज भारी मंदी की मार झेल रहा है। इसके पीछे देश में फैला भ्रष्टाचार और शासन करने वाली पार्टियों के लापरवाह रवैये और अनियंत्रित सार्वजनिक खर्च को कारण बताया जा रहा है। देश में बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की भी दिक्कत हो रही है। 

खबर में आगे पढ़ें...

  • लेबनान में भारी आर्थिक मंदी की मार
  • भारी विदेशी कर्ज के नीचे दबा हुआ है लेबनान
  • 82 फीसद लेबनानी आबादी गरीबी रेखा के नीचे

लेबनान में राष्ट्रपति का चुनाव से लेकर, संसद में समर्थन पाने वाली सरकार बनाने और देश के सेंट्रल बैंक का चीफ चुनने तक की समस्याएं चल रही हैं। इसके साथ ही लेबनान अपने विदेशी कर्ज का भुगतान करने, देश में रहने वाले प्रवासी फलिस्तीनियों के झगड़े को रोकने और बिजली हेल्थ इफ्रास्ट्रक्चर देने में असफल रहा है।

19वीं सदी के बाद दुनिया के सबसे खराब इकोनॉमिक हालात में लेबनान

वर्ल्ड बैंक ने अपने एक रिपोर्ट में कहा है कि लेबनान में इकोनॉमिक पतन 19वीं सदी के मध्य के बाद से दुनिया के सबसे खराब इकोनॉमिक हालात में हो सकता है। फरवरी 2023 तक, लेबनानी पाउंड (LBP) का प्री-क्राइसिस प्राइस का 98 प्रतिशत से अधिक नीचे चला गया, क्योंकि 15 हजार पाउंड 1 USD के बराबर है।

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लेबनान का बैंकिंग सेक्टर दिवालिया बना हुआ है। देश के बैंकिंग सेक्टर में फाइनेंशियल लॉस 72 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक है, जो देश की पूरी GDP के तीन गुना से ज्यादा है। 

लेबनान की 82 फीसद आबादी गरीबी रेखा से नीचे

लेबनान में देश के आर्थिक हालातों के कारण आम लोगों के हालात और बद से बदतर होते जा रहा है। लेबनान में लगभग 82 प्रतिशत आबादी अब गरीबी रेखा से नीचे है, जिसका मुख्य कारण लेबनानी मुद्रा के मूल्य में तेज गिरावट है।

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12 सेशन के बाद भी नहीं हो चुका राष्ट्रपति का चुनाव

लेबनान के बिगड़ते हालातों के बीच वहां, लंबे समय से राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो पाया है। लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल औन का कार्यकाल पिछले साल अक्टूबर में ही पूरा हो गया। इसके बाद अभी तक वहां राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो पाया है। लेबनान की संसद में इस बीच 12 सेशन हुए, लेकिन राष्ट्रपति के नाम पर मुहर नहीं लगाई जा सकी। 

वर्तमान में, लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती देश को एक साथ रखने और लेबनान के सेंट्रल बैंक में अनिवार्य मुद्रा भंडार के उपयोग के माध्यम से राज्य के खर्चों को कवर करने के लिए हर तरह से सरकार और राज्य संस्थानों के संचालन को जारी रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

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Published By : Nripendra Singh

पब्लिश्ड 7 August 2023 at 16:22 IST