अपडेटेड 31 March 2025 at 19:21 IST
Nepal: ओली सरकार के हाथ-पैर फूले, लोकतंत्र समर्थक और विरोधी सड़कों पर आए आमने-सामने; 3 अप्रैल के अल्टीमेटम का क्या होगा?
Nepal Violence : नेपाल में हजारों की संख्या में केपी शर्मा ओली के समर्थक भी सड़कों पर आ गए हैं। सरकार के समर्थकों का कहना है कि देश में लोकतंत्र ही रहना चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Nepal Hindu Rashtra Protest : 28 मार्च से नेपाल में हिंदू राष्ट्र और राजशाही की मांग को लेकर घमासान जारी है। नेपाल की सड़कों पर सेना मुस्तैद है, हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे लोगों ने केपी शर्मा ओली सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। जिसके बाद से नेपाल में सियासी हलचल तेज हो गई है। नेपाल में अब लोकतंत्र Vs राजतंत्र हो गया है। सोमवार को केपी शर्मा ओली के समर्थक भी भारी तादाद में सड़कों पर उतर आए।
पिछले कुछ दिनों से नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी सड़कों पर है। इलाके में कर्फ्यू है, सेना मुस्तैद है और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को नजरबंद किया हुआ है। नेपाल में राजाशाही बनाम लोकतंत्र को लेकर ऐसा बवाल मचा है कि ओली सरकार मुश्किल में घिरी नजर आ रही है। नेपाल के लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था से बेहद नाराज हैं। आक्रोशित लोग आंदोलन पर उतर आए हैं और 'राजा आओ के नारे' बुलंद हो रहे हैं। सड़क पर उतरी जनता ने ओली सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि 3 अप्रैल तक नेपाल में राजशाही लागू कर दें, वरना वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।
लोकतंत्र Vs राजतंत्र
राजा के समर्थकों का अल्टीमेटम खत्म होने में अभी 4 दिन बाकी है। ऐसे में नेपाल में सियासी हलचल तेज हो गई है। संसद भवन में बैठकों का दौर जारी है, सर्वदलीय बैठक के साथ-साथ आपातकालीन बैठकें बुलाई जा रही है। इस बीच हजारों की संख्या में पैदल, बाइक और गाड़ियों पर सवार होकर केपी शर्मा ओली के समर्थक भी सड़कों पर आ गए हैं। सरकार के समर्थकों का कहना है कि देश में लोकतंत्र ही रहना चाहिए। लोगों का कहना है कि राजशाही से बेहतर लोकतांत्रिक सरकार है।
3 अप्रैल के अल्टीमेटम का क्या होगा?
नेपाल में नवराज सुवेदी के नेतृत्व में राजशाही की मांग को लेकर काठमांडू समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। काठमांडू में प्रदर्शन से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर 'नालायक सरकार इस्तीफा दे' के नारे लगा रही है। एक आंदोलनकारी जगमान गुरुंग ने रिपब्लिक भारत से बात करते हुए कहा कि "नेपाल में राजशाही वापस आने तक आंदोलन जारी रहेगा। उस दिन जो हिंसा भड़की थी, वो सरकार ने भड़काई थी। छतों से आसूं गैस के गोले छोड़े गए, गोली सरकार के कहने पर चलाई गई, लोगों ने सिविल ड्रेस में सरकार की तरफ से पत्थर बरसाए। हम केवल शांतिपूर्ण आंदोलन करने निकले थे, जो आगे भी जारी रहेगा। 3 अप्रैल को अल्टीमेटम पूरा होने के बाद नेपाल की सड़कों पर बहुत बड़ा आंदोलन होगा।"
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डर गई ओली सरकार?
नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को नजरबंद कर दिया गया है। ज्ञानेंद्र शाह की सुरक्षा भी घटा दी है। पहले राजा की सुरक्षा में 25 जवान होते थे, अब 9 जवानों को हटा लिया गया है। राजा के महल की तरफ जाने वाले रास्तों पर आर्मी के जवान तैनात हैं। जगह-जगह बंकर बनाए गए हैं। काठमांडू नगर निगम भी राजा के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहा है। हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए राजा को नगर निगम ने 7.93 लाख नेपाली रुपए का नोटिस भेजा है। ज्ञानेंद्र शाह का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 31 March 2025 at 19:21 IST