अपडेटेड 7 May 2023 at 13:15 IST
खालिस्तानी कमांडो चीफ Paramjit Singh को Lahore में गोली मारी गई, Pakistan हैरान; उठ रहे सवाल
भारत में प्रतिबंधित खालिस्तानी नेता परमजीत सिंह पंजवार (Paramjit Singh Panjwar) की पाकिस्तान (Pakistan) में हत्या कर दी गई है। शनिवार को कुछ अज्ञात हमलावरों ने परमजीत सिंह को गोली मारी।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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भारत में प्रतिबंधित खालिस्तानी नेता परमजीत सिंह पंजवार (Paramjit Singh Panjwar) की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई है। आतंकियों का पनाहगाह पाकिस्तान भी भारत विरोधी साजिश रचने वाले परमजीत सिंह की सुरक्षा नहीं कर पाया। पाकिस्तान भारत विरोधी खालिस्तानियों की शरणगाह है। लेकिन खालिस्तान नेता की मौत वहां चर्चा का विषय है। सोशल मीडिया पर तमाम तरह की चर्चाएं हैं।
चर्चा यह है कि पाकिस्तान के अंदर अब भारत विरोधी टाकतें बहुत सुरक्षित नहीं हैं। हालांकि उसकी हत्या किसने की क्यों की, इन बातों का खुलासा नहीं हो पा रहा है। आमतौर पर ऐसा कभी नहीं दिखा कि किसी खालिस्तानी नेता पर पाकिस्तान के अंदर हमले हुए हों। उलटा पाकिस्तान की सरकार भारत के भगोड़ों की अवभगत करता है और हें सुरक्षा मुहैया कराता है।
कौन है परमजीत सिंह?
खालिस्तानी नेता परमजीत सिंह को लाहौर (Lahore) में गोली मारी गई। परमजीत सिंह प्रतिबंधित खालिस्तान कमांडो फोर्स-पंजवार संगठन का नेतृत्व कर रहा था। भारत ने उसे जुलाई 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक आतंकवादी घोषित किया था। वह भारत से भागकर लंबे वक्त से पाकिस्तान (Pakistan) में रह रहा था और वहां से भारत विरोधी गतिविधियां चलाता था।
पाकिस्तान के लाहौर में शनिवार को कुछ अज्ञात हमलावरों ने परमजीत सिंह को अपना शिकार बनाया। पीटीआई ने कुछ अधिकारियों के हवाले से बताया कि परमजीत सिंह अपने कुछ सुरक्षाकर्मियों के साथ टहल रहा था। उसी दौरान दो हमलावरों ने दोनों पर गोलियां चलाईं और एक मोटरसाइकिल से फरार हो गए। गोलीबारी में उसका सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गया और बाद में उसने भी दम तोड़ दिया। भारत विरोधी साजिशकर्ता परमजीत की हत्या के बाद पाकिस्तान की पुलिस सवालों के घेरे हैं।
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भारत से भागकर पाकिस्तान पहुंचा था परमजीत सिंह
एजेंसी के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि, परमजीत सिंह पंजवार 1986 में खालिस्तान कमांडो फोर्स में शामिल हुआ था। बाद में वह संगठन का प्रमुख बन गया और पाकिस्तान चला गया। 1986 में खालिस्तान कमांडो फोर्स का नेतृत्व सुखदेव सिंह उर्फ सुक्खा शापई ने किया था। पंजाब के होशियारपुर में 1989 में पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में सुक्खा मारा गया और उसके बाद अमृतसर के सुल्तानविंड का कंवरजीत सिंह केसीएफ का प्रमुख बना, जबकि परमजीत सिंह पंजवार उसका उप प्रमुख बना। कंवरजीत सिंह सुल्तानविंड की मौत के बाद पंजवार केसीएफ का प्रमुख बना।
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जुलाई 2020 में भारत ने आतंकी घोषित किया
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 1995-96 में पाकिस्तान भागने से पहले परमजीत सिंह पंजाब में कई हत्याओं में शामिल था। इसके बाद उसने लाहौर से भारत विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाया और पाकिस्तान में युवाओं के लिए हथियार प्रशिक्षण की व्यवस्था की। बताया जाता है कि परमजीत सिंह भारत में वीआईपी और आर्थिक संस्थाओं को टारगेट करने के लिए हथियार और गोला-बारूद को भी सीमापार से भेजता था। जुलाई 2020 में भारत ने उसे आतंकी घोषित करते हुए बैन कर दिया था।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 7 May 2023 at 11:09 IST