अपडेटेड 15 June 2025 at 20:07 IST
Israeli ने उड़ा दिया है ईरान का साउथ पार्स गैस फील्ड, भारत पर भी पड़ेगा असर; बुझ सकता है घरों का गैसचूल्हा!
भले ही भारत प्रत्यक्ष रूप से साउथ पार्स गैस फील्ड से गैस न लेता हो, लेकिन कतर के जरिए अप्रत्यक्ष निर्भरता ज़रूर है। ऐसे में इस क्षेत्र में किसी भी तरह की बड़ी गड़बड़ी का भावी असर भारतीय बाजार और गैस की कीमतों पर पड़ सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच इज़राइल ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ईरान के साउथ पार्स गैस फील्ड पर हमला कर उसे भारी क्षति पहुंचाई है। यह गैस फील्ड दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार है, जो ईरान और कतर की साझा सीमा पर स्थित है और कई देशों को गैस की आपूर्ति करता है। इज़रायली हमले के बाद ईरान ने साउथ पार्स से गैस की सप्लाई तत्काल रोक दी है। इस निर्णय का असर सीधे तौर पर न केवल कतर की आपूर्ति व्यवस्था पर पड़ सकता है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार भी अस्थिर हो सकता है। कतर इस क्षेत्र से मिलने वाली गैस के ज़रिए कई देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, को एलएनजी (LNG) की आपूर्ति करता है।
भारत की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयातित एलएनजी पर निर्भर करता है। कतर भारत का प्रमुख गैस आपूर्तिकर्ता है और साउथ पार्स में गैस उत्पादन बाधित होने से आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट आने की संभावना है। हालांकि अभी तक भारत सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनियों ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन ऊर्जा विश्लेषकों का मानना है कि,निकट भविष्य में एलएनजी के दाम बढ़ सकते हैं। या घरेलू और औद्योगिक गैस की कीमतों में वृद्धि संभव है। या फिर लंबे समय तक संकट जारी रहा, तो इसका असर रसोई गैस और बिजली उत्पादन तक पहुंच सकता है।
क्या आपके घर का चूल्हा बुझेगा?
घरेलू उपयोग के लिए भारत में अभी पर्याप्त गैस भंडारण और वैकल्पिक आपूर्ति स्रोत मौजूद हैं। फिलहाल आपके घर का चूल्हा बुझने की संभावना नहीं है, लेकिन यदि संकट लंबा खिंचा, तो कीमतों में बढ़ोतरी अवश्य देखी जा सकती है। इज़राइल द्वारा हाल ही में जिस साउथ पार्स गैस फील्ड पर हमला किया गया है, वह केवल ईरान का नहीं है यह ईरान और कतर के बीच साझा गैस भंडार है। कतर में इसी गैस क्षेत्र को नॉर्थ फील्ड (North Field) कहा जाता है, जो दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत की गैस सप्लाई पर भी इसका असर पड़ेगा? क्या भारत में लोगों के घरों के गैस चूल्हे बंद होंगे? फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं है भारत ने इसके लिए पहले से तैयारी कर रखी है।
भारत इस गैस क्षेत्र से सीधे गैस नहीं लेता, फिर असर कैसे?
हालांकि भारत इस समय ईरान से सीधे साउथ पार्स गैस फील्ड से कोई गैस नहीं खरीद रहा है, लेकिन इसका असर भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से पड़ सकता है। कारण यह है कि इस गैस को LNG (लिक्विड नेचुरल गैस) में बदलकर कतर सहित कई देश अन्य देशों को एक्सपोर्ट करते हैं। भारत, कतर से बड़ी मात्रा में LNG आयात करता है यानी भारत को जो गैस मिलती है, उसका स्रोत इसी साझा गैस क्षेत्र से होता है। इसलिए अगर साउथ पार्स क्षेत्र पर हमला हुआ है और गैस उत्पादन या प्रोसेसिंग प्रभावित हुई है, तो इसका प्रभाव कतर की सप्लाई चेन पर पड़ेगा, और इस तरह से भारत को मिलने वाली गैस भी प्रभावित हो सकती है।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 15 June 2025 at 19:04 IST