अपडेटेड 9 December 2024 at 10:33 IST

सीरिया में तख्तापलट के बाद इजरायल-अमेरिका का बड़ा एक्शन, एयर स्ट्राइक में IS के दर्जनों ठिकाने तबाह

सीरिया में तख्तापलट के बाद विद्रोहियों ने अब राजधानी दमिश्क पर कंट्रोल कर लिया है। वहीं, राष्ट्रपति असद के देश छोड़ने के बाद अमेरिका ने भी एयर स्ट्राइक किया है।

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Air strike in Syria | Image: X

Syria-Israel Clash: सीरिया के राष्ट्रपति असद ने देश छोड़ दिया है। रूस की समाचार एजेंसियों ने इनकी पुष्टि की है। राष्ट्रपति बशर अल-असद अपने परिवार के साथ मॉस्को पहुंच गये हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद और उनके परिवार को राजनीतिक शरण दी है। इधर इजरायल ने अमेरिका के साथ मिलकर सीरिया पर सबसे बड़ा एक्शन लिया। अमेरिका और इजरायली सेना ने एयर स्ट्राइक कर ISIS के दर्जनों ठिकाने तबाह कर दिए।

सीरिया में तख्तापलट के बाद विद्रोहियों ने अब राजधानी दमिश्क पर कंट्रोल कर लिया है। वहीं, राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़ने के बाद अमेरिका ने भी हवाई बमबारी शुरू कर दी है। रविवार को मध्य सीरिया में इस्लामिक स्टेट के दर्जनों ठिकानों पर अमेरिका ने हवाई हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट के फिर से उभरने को रोकने के मिशन के तहत सीरिया में लगभग 900 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।

सीरिया में अमेरिका का एयर स्ट्राइक

सीरिया में विद्रोहियों के सत्ता हथियाने के बाद इजरायल और अमेरिका एक्शन में है। रविवार को सीरिया में विद्रोहियों ने बसर अल-असद की सरकार का तख्तापलट कर दिया। 2018 के बाद से पहली बार दमिश्क के भीतर विद्रोहियों घुस गए और नतीजन राष्ट्रपति बसर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने सीरिया से लगती उत्तरी सीमा पर सेना की तैनाती बढ़ा दी है।

इजरायली सेना ने दक्षिणी सारिया में बरसाए बम

रविवार को इजरायल ने भी सीरिया पर एयर स्ट्राइक किया। सीरियाई मीडिया के अनुसार, दक्षिणी सारिया के दारारा और सुवेदा  के इलाकों में इजरायली सेना ने बम बरसाए। इजरायल सीमा के पास और राजधानी दमिश्क के पास भी सेना ने मेजेह एयरबेस पर हमले किए। वहीं, टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, वेदाम में खालखाला एयरबेस पर गोला-बारूद और हथियारों के डिपो को निशाना बनाया गया।

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बफर जोन में सेना तैनात 

इजरायल ने सीरिया के साथ उत्तरी सीमा पर विसैन्यीकृत बफर जोन में सेना तैनात की है। इजरायली सेना ने कहा कि उसने अपनी रक्षा के लिए जरूरी अन्य स्थानों पर भी सैनिक भेजे हैं। सेना की तैनाती का उद्देश्य इजरायली-नियंत्रित गोलान हाइट्स के निवासियों को सुरक्षा देना है।

इजरायल ने 1967 के मध्यपूर्व युद्ध में सीरिया से उस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था और बाद में उसे अपने में मिला लिया था। ये एक ऐसा कदम था, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के ज्यादातर लोगों ने मान्यता नहीं दी, जो इस क्षेत्र को कब्जा हुआ मानते हैं। बाद में हुए युद्धविराम समझौते ने दोनों देशों के क्षेत्रों के बीच एक विसैन्यीकृत बफर जोन बनाया, जिससे क्षेत्र में किसी भी पक्ष की सैन्य उपस्थिति या गतिविधि पर रोक लग गई। संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक 1974 से इस क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 9 December 2024 at 10:33 IST