अपडेटेड 27 September 2025 at 08:30 IST
'पाकिस्तान के PM ने नौटंकी की...', UNGA में भारत की बेटी ने शहबाज शरीफ को कर दिया बेनकाब, लादेन का जिक्र कर जमकर धोया
India slams Shehbaz Sharif UNGA speech: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर UNGA में शहबाज शरीफ झूठ पर झूठ बोलते रहे। इसके बाद भारत ने राइट टू रिप्लाई के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उन्हें आईना दिखाया। भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने शरीफ के हर झूठ को बेनकाब किया।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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India on Shehbaz Sharif UNGA Speech: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के झूठे और खोखले दावों की भारत ने पोल खोलकर रख दी। भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पड़ोसी मुल्क को फिर दुनिया के सामने बेनकाब किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत के साथ पाकिस्तान शांति की बात करता है। अगर वो वाकई ईमानदार है तो तुरंत सभी आतंकवादी शिविरों को बंद करें और भारत में वॉटेंड आतंकवादियों को हमें सौंप देना होगा।
भारत ने एक-एक झूठ को किया बेनकाब
UNGA में राइट टू रिप्लाई के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए राजनयिक पेटल गहलोत ने शहबाज शरीफ के एक-एक झूठ का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “यह सभा आज सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ओर से बेतुके नाटक का गवाह बना है, जिन्होंने एक बार फिर आतंकियों का महिमामंडन किया, जो उनकी विदेश नीति के केंद्र में बैठे हैं। किसी भी हद तक नाटक और झूठ तथ्यों को छुपा नहीं सकते।”
उन्होंने कहा कि यही वह पाकिस्तान है, जिसने 25 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटकों की बर्बर हत्या की जिम्मेदारी से एक पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवादी संगठन को बचाने की कोशिश की। एक देश जो आतंकवाद को फैलाने और एक्सपोर्ट करने की परंपरा में लिप्त है। उसके पास सबसे बेतुके नैरेटिव को आगे बढ़ाने में कोई शर्म नहीं है।
लादेन का जिक्र कर खोली PAK की पोल
इस दौरान पेटल गहलोत ओसामा बिन लादेन का भी जिक्र करती नजर आईं। उन्होंने कहा कि याद कीजिए कि उसने लादेन को एक दशक तक शरण दी, जबकि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साझेदार होने का दिखावा किया। पाकिस्तान के मंत्रियों ने हाल ही में स्वीकार किया है कि उन्होंने दशकों से आतंकवादी शिविरों का संचालन किया है। इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि इनका एक बार फिर यह दोहरापन जारी है और इस बार उसके प्रधानमंत्री के स्तर पर।
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भारतीय राजनयिक ने आगे कहा, "एक तस्वीर हजार शब्दों की कहानी कहती है। हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की ओर से बहावलपुर और मुरिदके आतंकवादी ठिकानों में मारे गए आतंकवादियों की कई तस्वीरें देखी हैं। जब वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य और नागरिक अधिकारी सार्वजनिक रूप से ऐसे कुख्यात आतंकवादियों का महिमामंडन करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, तो क्या इस शासन की प्रवृत्तियों के बारे में कोई संदेह हो सकता है?
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर एक विचित्र विवरण भी पेश किया। इस मामले में रिकॉर्ड साफ है। 9 मई तक पाकिस्तान की ओर से भारत पर और हमलों की धमकी दी जा रही थी, लेकिन 10 मई को सेना ने सीधे हमसे लड़ाई रोकने की अपील की।
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'...तो जीत का आनंद ले सकता है पाकिस्तान'
गहलोत ने कहा कि भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी वायुसेना अड्डों को नष्ट किया है। उस नुकसान की तस्वीरें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। अगर नष्ट हुए रनवे और जल चुके हैंगर उन्हें जीत की तरह दिखते हैं, जैसा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया है... तो पाकिस्तान इसका आनंद ले सकता है। सच्चाई यह है कि जैसा कि अतीत में हुआ है भारत में निर्दोष नागरिकों पर आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। हमने अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है।
उन्होंने शहबाज शरीफ के बातचीत के प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के साथ शांति की इच्छा के बारे में बात की है। अगर वह वास्तव में ईमानदार हैं, तो रास्ता स्पष्ट है। पाकिस्तान को तुरंत सभी आतंकवादी शिविरों को बंद करना चाहिए और भारत में वांछित आतंकवादियों को हमें सौंप देना चाहिए।
हिंदुत्व वाले बयान पर भी किया पलटवार
पेटल गहलोत ने शरीफ के हिंदुत्व को लेकर दिए बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह भी विडंबना है कि एक देश जो नफरत, कट्टरता और असहिष्णुता का पालन करता है, वह इस सभा को धर्म के मामलों पर उपदेश देता है। पाकिस्तान का राजनीतिक और सार्वजनिक विमर्श उसकी असली प्रकृति को दिखाता है। जाहिर है, उन्हें आईना देखने की जरूरत है। शरीफ ने UNGA में हिंदुत्व को एक नफरत वाली विचारधाराओं का हिस्सा बताते हुए दुनिया के लिए इसे खतरनाक करार दिया।
'परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे झुकेगा नहीं भारत'
भारतीय राजनयिक ने स्पष्ट शब्दों में फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान लंबे समय से सहमत हैं कि उनके बीच कोई भी बकाया मुद्दा द्विपक्षीय रूप से हल किया जाएगा। इस संबंध में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी। यह हमारी लंबे समय से चली आ रही राष्ट्रीय स्थिति है। जहां आतंकवाद का सवाल है, हम साफ कर रहे हैं कि आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं होगा। दोनों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और न ही हम परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देने की अनुमति देंगे। भारत कभी भी ऐसी धमकियों के आगे नहीं झुकेगा। भारत का संदेश दुनिया के लिए स्पष्ट है। आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस होनी चाहिए।"
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 27 September 2025 at 08:29 IST