अपडेटेड 7 October 2025 at 12:05 IST
'अपने लोगों पर बम गिराने वाला...', UN में फिर भारत ने लगाई पाकिस्तान को लताड़, कश्मीरी राग छेड़ते ही सुनाई खरी-खरी
India fiery reply to Pakistan at UN: पाकिस्तान ने यूएन में एक बार फिर कश्मीर का राग छेड़ा, जिस पर भारत ने उसे खरी-खरी सुनाई। UNSC में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खोलते हुए उसे बेनकाब कर दिया।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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India-Pakistan news: भारत के हाथों बार-बार बेइज्जत होने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। वो अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल झूठ और भ्रम फैलाने के लिए करता है। एक बार फिर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर राग अलापा, जिस पर भारत ने उसे आईना दिखाया और जमकर लताड़ लगाई। UNSC में पाकिस्तान की आलोचना करते हुए UNSC में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि वो अपने देश के लोगों पर खुद बम गिराता है। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सर्चलाइट का भी जिक्र किया।
दरअसल, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिर भारत के खिलाफ बयानबाजी की और कई झूठ बोले। उसने कहा था कि कश्मीरी महिलाएं दशकों से यौन हिंसा का सामना कर रही हैं।
भारत का PAK को जवाब
पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खोलते हुए UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा, "दुर्भाग्यवश, हर साल हमें अपने देश के खिलाफ पाकिस्तान की भ्रामक आलोचना सुनने को मिलती है। खासकर जम्मू और कश्मीर के मामले में, जिस भारतीय क्षेत्र पर वे लालच करते हैं। महिलाओं, शांति और सुरक्षा के एजेंडे पर हमारा अग्रणी रिकॉर्ड बेदाग और अक्षुण्ण है।"
‘दुष्प्रचार का समझती है दुनिया’
उन्होंने पाकिस्तान को घेरते हुए आगे कहा, "एक देश जो अपने ही लोगों पर बमबारी करता है, व्यवस्थित नरसंहार करता है, वह केवल गुमराह करने और अतिशयोक्ति से दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश कर सकता है। यह वही देश है जिसने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया था और अपनी ही सेना से 4 लाख महिलाओं के नरसंहार और सामूहिक बलात्कार कराया था। दुनिया पाकिस्तान के दुष्प्रचार को समझती है।"
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इससे पहले भी भारत कई बार संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पाकिस्तान के झूठ की पोल खोलते हुए उसे बेनकाब कर चुका है। हाल ही में UNHRC में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर मोहम्मद हुसैन ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वो मानवाधिकारों के क्षेत्र में दुनिया के सबसे खराब रिकॉर्ड वाले देशों में शामिल है। इसलिए उसे दूसरों को उपदेश देने के बजाय अपने देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ राज्य-प्रायोजित उत्पीड़न और व्यवस्थागत भेदभाव पर ध्यान देने की जरूरत है।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 7 October 2025 at 12:05 IST