अपडेटेड 28 December 2025 at 09:45 IST
Bangladesh: 6 महीने, 71 मामले... ईशनिंदा की आड़ में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार, रिपोर्ट में खुलासा
Hindu in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदू लगातार निशाने पर है। इस बीच एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि किस तरह से ईशनिंदा की आड़ में बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं। महज 6 महीनों के अंदर हिंदुओं पर 71 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Bangladesh Hindu Attack news: पहले दीपू चंद्र दास, फिर अमृत मंडल... इन दो हालिया घटनाओं ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा को लेकर एक बार फिर चिंताएं बढ़ा दी है। पड़ोसी देश में एक बार फिर हिंदू निशाने पर हैं। ईशनिंदा के आरोपों की आड़ में वहां हिंदुओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 6 महीने के अंदर बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर ईशनिंदा के आरोपों को लेकर कम से कम 71 मामले दर्ज हुए हैं।
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनाव से पहले उथल-पुथल जारी है। हाल ही में इकबाल मंच के उस्मान हादी की मौत हो गई, जिसके बाद वहां एक बार फिर से हिंसा भड़क गई। इस दौरान हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
हिंदुओं पर ईशनिंदा के 71 मामले दर्ज
ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज (HRCBM) की एक रिपोर्ट में जून से दिसंबर 2025 के बीच हिंदुओं के खिलाफ ईशनिंदा के कम से कम 71 मामले दर्ज हुए हैं। रिपोर्ट बताती है कि ये घटनाएं 30 से ज्यादा जिलों में हुई हैं। इनमें रंगपुर, चांदपुर, चटगांव, दिनाजपुर, लालमोनिरहाट, सुनामगंज, खुलना, कोमिल्ला, गाजीपुर, टांगाइल और सिलहट शामिल हैं।
दीपू चंद्र दास की हत्या सबसे भयावह
इस रिपोर्ट में 18 दिसंबर को मैमनसिंह के भालुका में दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग को सबसे भयावह घटना बताया गया है। भीड़ ने दीपू की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसके बाद उनके शव के साथ बर्बरता कर दी। उनके शव को पेड़ से लटकाकर आग के हवाले कर दिया गया।
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इसके अलावा रिपोर्ट में 19 जून को अगलझारा में तमाल बैद्य की गिरफ्तारी से लेकर 22 जून को चांदपुर के मतलाब में शांतों सूत्रधार के खिलाफ विरोध मार्च, 27 जुलाई 2025 को रंगपुर के बेटगारी यूनियन में 17 साल के रंजन रॉय की गिरफ्तारी के बाद हिंदू घरों में तोड़फोड़, 4 सितंबर 2024 को खुलना के सोनाडांगा में 15 साल उत्सव मंडल पर कथित तौर पर सुरक्षा बलों की मौजूदगी में हुई बर्बर पिटाई समेत कई घटनाओं का जिक्र किया गया है।
तमाम घटनाओं में एक ही पैटर्न
रिपोर्ट में एक तथ्य यह भी सामने आया है कि ईशनिंदा के 90 प्रतिशत आरोपी हिंदू होते हैं, जिनमें 15 से 17 साल के नाबालिग भी शामिल हैं। कई मामले फेसबुक पोस्ट से शुरू होते है। इनमें से कई मामले झूठे निकलते है या फिर कई पोस्ट फेसबुक अकाउंट हैक करके पोस्ट की गईं। इतना ही नहीं कुछ मामलों में बिना किसी जांच के और सिर्फ मौखिक आरोपों के आधार पर ही कार्रवाई की गई। कुछ मामले ऐसे भी रहे, जिनमें जांच से पहले ही भीड़ के दबाव में लोगों की गिरफ्तारी हुई। इन घटनाओं में एक जैसा पैटर्न देखने मिलता है।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 28 December 2025 at 09:45 IST