अपडेटेड 26 May 2025 at 19:46 IST

पॉइंट 22 कैलिबर बेरेटा पिस्टल से कोर्ट रूम में चलाई गोलियां, जब एक मां ने जज, पुलिस और वकील के सामने दी बेटी के गुनहगार को सजा

मैरिएन बाकमायर ने अपनी बेटी के रेप और हत्या के आरोपी पर भरे कोर्ट रूम में बेरेटा पिस्तौल से 8 गोलियां चलाई थीं। आरोपी को 6 गोलियां लगी और जमीन पर गिरने से पहले ही मर चुका था।

German Mother shooting man who sexually assaulted and killed her seven year old daughter in court
बेटी का बदला लेने वाली मां मैरिएन बाकमायर का टैटू | Image: instagram/rcnj_tattoos

6 मार्च, 1981 को वेस्ट जर्मनी के ल्यूबेक शहर की एक अदालत में 7 साल की बच्ची के रेप और हत्या के मामले में सुनवाई होनी थी। सुबह के करीब 10 बजे बच्ची की मां मैरिएन बाकमायर (Marianne Bachmeier) जिला न्यायालय में दाखिल हुईं। उन्होंने एक लंबा, भारी कोट पहना था और उनका सिर ऊंचा था। कोर्ट रूम में मैरिएन के सामने उसकी बेटी का हत्यारा क्लाउस ग्राबोव्स्की था। उसकी पीठ मैरिएन की ओर थी। उसे नहीं पता था कि वह अपनी आखिरी सांसें ले रहा था।

मैरिएन बाकमायर ने जब कोर्ट रूम में एंट्री ली तो उनके हाथ कोट की जेब में थे। मैरिएन ने कोट की जेब में अपने हाथों में .22 कैलिबर बेरेटा पिस्तौल पकड़ी हुई थी। उसने क्लाउस ग्राबोव्स्की (Klaus Grabowski) को देखते ही अपनी बेरेटा पिस्तौल से उसकी पीठ पर एक के बाद एक आठ गोलियां चलाईं। जिनमें से क्लाउस को 6 गोलियां लगी और उसकी मौत हो गई।

हत्या के बाद किया सरेंडर

इसके बाद मैरिएन ने बिना किसी विरोध के कोर्ट रूम में ही आत्मसमर्पण कर दिया और कहा कि उन्होंने अपनी बेटी के लिए न्याय किया है। यह पश्चिम जर्मनी की सबसे चर्चित घटना बन गई। जर्मनी में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हिंसा के दृष्टिकोण में भारी बदलाव आया था। कुछ लोगों ने मैरिएन द्वारा किए गए इस खुद के न्याय की प्रशंसा की, जबकि कुछ लोग इस मां के व्यवहार से स्तब्ध थे।

अपहरण, रेप और हत्या

जब मैरिएन बाकमायर 22 साल की थी, तो उन्होंने 14 नवंबर, 1972 अपनी तीसरी संतान को जन्म दिया था, जो एक बेटी थी। मैरिएन की बेटी जब 7 साल की थी, तो एक दिन अपनी मां से साथ झगड़ा कर एक पड़ोसी क्लाउस ग्राबोव्स्की के घर खेलने चली गई। उसे उनकी बिल्लियों के साथ खेलना पसंद था। 5 मई, 1980 को भी वो खेलने के लिए क्लाउस के घर गई थी। क्लाउस ने पहले बच्ची को कई घंटों तक बंधक बनाए रखा, उसके साथ यौन उत्पीड़न किया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने बच्ची के शव को बांधा और एक डिब्बे में नहर के किनारे छोड़ दिया।

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क्लाउस ने बनाई कहानी

क्लाउस की मंगेतर ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी और उसे गिरफ्तार कराया। उसने पुलिस को एक अजीब कहानी सुनाई। क्लाउस ग्राबोव्स्की ने दावा किया कि बच्ची ने उसे पैसे के लिए ब्लैकमेल करने की कोशिश की थी, यह कहते हुए कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो वह अपनी मां को बताएगी कि क्लाउस ने उसका यौन उत्पीड़न किया था।

मां का बदला

मैरिएन बाकमायर को अपनी बेटी खोए एक साल से अधिक समय बीत चुका था। मैरिएन कोर्ट रूम में आई। उसने अपने कोट की जेब में छिपाई गई बेरेटा पिस्तौल से फायरिंग शुरू करदी। आरोपी क्लाउस को 6 गोलियां लगी और वो जमीन पर गिरने से पहले ही मर चुका था।

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मैरिएन को मिली 6 साल की सजा

1983 में कोर्ट ने मैरिएन को हत्या और अवैध हथियार रखने का दोषी ठहराया। उन्हें छह साल की सजा मिली, लेकिन तीन साल बाद पैरोल पर रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद मैरिएन ने 1985 में शादी की और 1988 में अपने पति के साथ नाइजीरिया चली गईं। 1990 को उनका तलाक हुआ और सिसिली (इटली) चली गईं। 1994 में उन्हें अग्नाशय कैंसर हुआ जिसके बाद वो वापस जर्मनी लौटीं। 17 सितंबर, 1996 को 46 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई। मैरिएन को उनकी बेटी के पास दफनाया गया था।

मैरिएन के जीवन पर फिल्में Annas Mutter (1984) और No Time for Tears: The Bachmeier Case (1984) बनी हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा Palermo, Amore mio (1994) में अपने अनुभवों को साझा किया है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 26 May 2025 at 19:46 IST