अपडेटेड 13 September 2025 at 21:50 IST
नेपाल में सुशीला सरकार का बड़ा एक्शन, पूर्व पीएम ओली पर हत्या का केस दर्ज, आंदोलनकारियों पर फायरिंग के आदेश देने का आरोप
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। Gen Z प्रदर्शनों के दौरान केपी शर्मा ओली पर फायरिंग के आदेश देने का आरोप है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Nepal News : नेपाल में हुए Gen Z प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की घटनाओं ने देश को हिलाकर रख दिया है। इन प्रदर्शनों के बीच, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों को गोली चलाने का आदेश देने का आरोप है। आरोप है कि आली के इस आदेश के कारण कई युवाओं की मौत हुई और कई घायल हुए।
नेपाल में मरने वालों की संख्या बढ़कर 56 हो गई है। आंदोलनकारियों पर फायरिंग के आदेश को लेकर पूर्व पीएम ओली पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। इस मामले में कांग्रेस सांसद अभिषेक प्रताप शाह ने कपिलवस्तु के मुख्य जिला अधिकारी दिलकुमार तमांग के माध्यम से मेट्रोपॉलिटन पुलिस को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें ओली के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
सोशल मीडिया बैन से शुरू हुए प्रदर्शन
नेपाल में Gen Z प्रदर्शन भ्रष्टाचार, नेपोटिज्म और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध जैसे मुद्दों को लेकर शुरू हुए थे। इन प्रदर्शनों की शुरुआत तब हुई जब ओली सरकार ने फेसबुक, यूट्यूब और एक्स जैसे 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर गलत सूचना और धोखाधड़ी के दावों के आधार पर लगाया गया था, लेकिन इसे Gen Z ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश बताया था।
प्रदर्शनकारी मुख्य रूप से युवा और छात्र, भ्रष्टाचार और नेताओं के बच्चों के विशेषाधिकारों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। 8 सितंबर, 2025 को शुरू हुए ये प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गए, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। जिसके चलते कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। अगले दिन हिंसा और बढ़ गई, जिसमें संसद भवन, सरकारी कार्यालयों और कई नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया।
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केपी शर्मा ओली पर आरोप
कांग्रेस सांसद अभिषेक प्रताप शाह द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में दावा किया गया है कि केपी शर्मा ओली ने सुरक्षा बलों को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया। इस हिंसा में 17 से 45 उम्र के एक दर्जन से अधिक युवाओं की मौत हुई। मृतकों में सुलभ राज श्रेष्ठ, यम चौलागाईं, बुद्धि तमांग, मिसाल सरू मगर, परुहांग उतमल राय, योगेंद्र न्यौपाने, बिनोद महर्जन, दिल नारायण तमांग, प्रवीण कुलुंग, उमेश महत, नीता गौतम, शौरभ किशोर श्रेष्ठ, सुभाष बोहोरा, और नीरज पंत शामिल हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि इस मामले की गहन जांच की जाए, सबूतों के साथ कानूनी कार्रवाई हो, ऑटोप्सी और घटनास्थल की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 13 September 2025 at 21:50 IST