अपडेटेड 12 August 2024 at 23:23 IST
बांग्लादेश में कब रुकेंगे हिंदुओं पर हमले, सड़क पर उतरे लाखों हिंदू क्या मांग कर रहे हैं?
बांग्लादेश में खुद पर हो रहे अत्यााचार के खिलाफ अब हिंदू सड़कों पर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी मांग है कि तत्काल हिंदुओं पर हो रहे हमले रुकें।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Bangladesh Hindus Protest: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार को कामकाज संभाले हुए कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन देश में हालात सुधरने के बावजूद बिगड़ते जा रहा है। शेख हसीना सरकार के विरोध में शुरू हुई हिंसा, कब हिंदू विरोधी दंगों में तब्दील हो गई शायद इसका पता बांग्लादेश सरकार को भी नहीं पता चला। अंतरिम सरकार की कमान संभालने से पहले हिंदुओं की सुरक्षा पर बड़ी-बड़ी बातें कहने वाले मुहम्मद यूनुस, अब मुस्लिम कट्टरपंथियों के हाथों की कठपुतली नजर आने लगे हैं।
सरकार की कमान संभालने से पहले मुहम्मद यूनुस ने पूरे जोर के साथ कहा था कि देश में हिंदु विरोधी हिंसा रुकनी चाहिए। उन्होंने सबकी सुरक्षा का भरोसा देते हुए किसी से अन्याय नहीं होने का दावा किया था और कहा था कि देश की स्थिति सुधारेंगे। जब उन्होंने देश की सत्ता संभाली तो दंगाइयों पर कोई असर नहीं दिखा। सरकार में कट्टरपंथी शामिल हो गए खुद के केस खत्म करवाए गए। नतीजा ये हुआ कि देश में लॉ एंड ऑर्डर के साथ-साथ बैंकिग सिस्टम भी चरमराया गया।
हिंदुओं पर हमले के कारण
हर कोई सवाल उठा रहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार क्यों नहीं रुक रहा, दंगाइयों पर यूनुस सरकार क्यों एक्शन नहीं ले रही और सत्ता संभालने के बाद मोहम्मद यूनुस क्यों खामोश हो गए है? देश में हिंदू विरोधी हिंसा जारी है, लेकिन यूनुस सरकार हाथ पर हाथ धरे हुए बैठी है। सत्ता की कमान संभालने से पहले ही यूनुस ने खुद को उदारवादी दिखाना शुरू कर दिया था। युनूस ने कहा था कि "आम लोगों पर, खासकर अल्पसंख्यकों पर सभी हमले बंद किए जाएं। इसके बिना, सारा प्रयास बेकार है। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो मैं पद छोड़ दुंगा।'
बंग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के कई कारण हैं। बंग्लादेश में हिंदू विरोधी कट्टरपंथी हमले के लिए उकसाते रहे हैं। वहां अल्पसंख्यक अवामी लीग के समर्थक हैं, ये ही वजह है कि शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हमले तेज हुए हैं। आंदोलन की आड़ में हिदुओं पर हमले किए जा रहे हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने से उन्हें सुनहरा मौका मिला है। कट्टरपंथी बंग्लादेश से हिंदुओं को भगाना चाहते हैं। देश के 52 जिलों में 206 अधिक हमले हिंदुओं पर किए गए हैं।
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बांग्लादेश में कितने हिंदू?
बांग्लादेश की कुल आबादी करीब 17 करोड़ है। जिसमें करीब 8% हिंदु हैं, देश में हिंदुओं की जनसंख्या करीब 1.35 करोड़ है। इस्लाम के बाद हिंदू दूसरा सबसे बड़ा धर्म है और देश के 64 में 61 जिलों में हिंदू आबादी है। चिंता की बात ये है कि 75 साल में 14% हिंदू आबादी कम हुई है। 1951 में हिंदू 22% थे जो 2022 में घटकर 8% रह गए। 4 जिलों में हिंदू 20% से ज्यादा हैं।
- ठाकुरगांव 22%
- गोपालगंज 26%
- खुलना 20%
- मौलवी बाजार 24%
कहां-कहां हिंदुओं का प्रदर्शन?
- ढाका
- गोपालगंज
- सुनामगंज
- खुलना
- मदारीपुर
- मेमेन्सिंघ
- बोगरा
- बरिशाल
- फरीदपुर
- रंगपुर
- मौलवीबाजार
- चटगांव
- कुरीग्राम
- दिनाजपुर
- तंगेल
- नीलाफामारी
- ठाकुरगांव
हिंदुओं की क्या है मांग?
बांग्लादेश में खुद पर हो रहे अत्यााचार के खिलाफ अब हिंदू सड़कों पर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी मांग है कि तत्काल हिंदुओं पर हो रहे हमले रुकें। देश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो और दोषियों कड़ी कार्रवाई की जाए। सेकुलर बांग्लादेश की स्थापना हो। अल्पसंख्यकों के लिए अलग मंत्रालय बने और बांग्लादेश की संसद में 10% आरक्षण दिया जाए।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 12 August 2024 at 23:23 IST