अपडेटेड 10 February 2025 at 20:41 IST
तसलीमा नसरीन की किताब पब्लिश और बेचने वाले स्टॉल पर तोड़फोड़, लेखिका ने बांग्लादेश पुस्तक मेले का Video किया शेयर
तसलीमा नसरीन ने बांग्लादेश पुस्तक मेले की एक वीडियो साझा की है, जिसमें उनकी किताब पब्लिश और बेचने वाले बुक स्टॉल पर कट्टरपंथियों ने तोड़फोड़ किया।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
- 4 min read

बांग्लादेश में युनूस सरकार के आने के बाद से स्थिति बद से बदतर होते जा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण बांग्लादेश के पुस्तक मेले में देखने को मिला। दरअसल, बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर की है। इस पोस्ट में उन्होंने आरोप लगाया है कि जिहादी धार्मिक चरमपंथियों ने बांग्लादेश के पुस्तक मेले में प्रकाशक सब्यसाची के स्टॉल पर तोड़फोड़ किया।
तसलीमा नसरीन ने वीडियो शेयर कर लिखा, "आज, जिहादी धार्मिक चरमपंथियों ने बांग्लादेश के पुस्तक मेले में प्रकाशक सब्यसाची के स्टॉल पर हमला किया। उनका अपराध मेरी पुस्तक प्रकाशित करना था। पुस्तक मेला अधिकारियों और स्थानीय स्टेशन की पुलिस ने मेरी पुस्तक को हटाने का आदेश दिया। इसे हटाए जाने के बाद भी, चरमपंथियों ने हमला किया, स्टॉल पर तोड़फोड़ की और इसे बंद कर दिया। सरकार इन चरमपंथियों का समर्थन कर रही है, और देश भर में जिहादी गतिविधियां फैल रही हैं।"
कौन हैं तसलीमा नसरीन?
तसलीमा नसरीन बांग्लादेश की एक बहुचर्चित लेखिका हैं, जिन्होंने अबतक अबतक कई किताबें लिखी है, और अपनी बेबाक अंदाज की वजह से चर्चा में रहती हैं। तसलीमा कविताएं भी लिखती हैं। उन्होंने एक नॉवेल लिखी थी लज्जा, इसपर एक फिल्म भी बन चुकी है। हालांकि, इस फिल्म के बाद उनके खिलाफ फतवा भी जारी किया गया था।
तसलीमा नसरीन अक्सर इस्लामिक कट्टरता और उनकी खामियों को लेकर मुखर रहती हैं। यही कारण है कि वो इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती हैं। उनका जन्म 25 अगस्त 1962 में बांग्लादेश के मयमनसिंह में हुआ था। तसलीमा पेशे से एक डॉक्टर हैं, लेकिन वो कविताएं और कहानियं भी लिखती हैं। हालांकि, वो स्वीडन की नागरिक हैं, लेकिन बांग्लादेश के मुस्लिम देश होने के कारण उन्हें भी निर्वासित होकर भारत में शरण लेना पड़ा। पहले वो अमेरिका और यूरोप में रहती थी। बाद में उन्होंने भारत में शरण ली और 2004 से यहीं रह रही हैं।
Advertisement
इस्लाम के खिलाफ अपनी टिप्पणियों को लेकर अक्सर उनके ऊपर खतरा बना रहता है। कई बार उनके ऊपर हमले की कोशिश भी की जा चुकी है। उन्होंने कई बार अपने इटरव्यू में कहा है कि वो बांग्लादेश लौटना चाहती हैं। हालांकि, जान के खतरे की वजह से वो वहां नही जा सकती है।
शेख हसीना के साथ तनाव के बाद भी किया समर्थन
बता दें, वैसे तो बंग्लादेश की शेख हसीना सरकार के साथ तसलीमा के संबंध अच्छे नहीं थे। तसलीमा ने शेख हसीना पर कई आरोप लगाया। बावजूद इसके बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद तसलीमा ने शेख हसीना का समर्थन किया। तस्लीमा ने कहा कि शेख हसीना की विरोधी खालिदा जिया ने मुझे बांग्लादेश से निर्वासित कर दिया था। इसके बाद कोई भी सोचता कि शेख हसीना आकर मुझसे सहानुभूति रखेंगीं लेकिन इसके उलट उन्होंने मुझसे प्रतिशोध ही लिया। वो अपने पिता के बारे में, उनके संघर्षों के बारे में बात करती हैं। लेकिन जब मेरे पिता अपने अंतिम दिनों में थे तो मैंने बांग्लादेश आने के अनुमति मांगी लेकिन हसीना ने तब भी मेरी बात को अनसुना कर दिया। ऐसा लगता है मानों केवल उनके पिता ही पिता हैं, बाकियों के पिताओं का कोई सम्मान नहीं है।
Advertisement
तस्लीमा नसरीन ने कहा कि इन सबके बावजूद भी मैं हसीना से किसी प्रकार का कोई बदला नहीं लेना चाहती। मैं बांग्लादेश में यूनुस सरकार द्वारा आवामी लीग के नेताओं कार्यकर्ताओं पर जो अत्याचार किए जा रहे हैं उसके खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठा रही हूं। बांग्लादेशी चुनाव में आवामी लीग को भाग लेने से रोकने की जो साजिश की जा रही है वह बिल्कुल सही नहीं है। लेखिका ने कहा कि मैं उन तमाम मुक्ति समर्थक यु्द्ध बलों को एकजुट होने का आह्वान करती हूं कि एकजुट होकर बांग्लादेश की आजादी की रक्षा करें और स्वतंत्रता के दुश्मनों को हराए।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 10 February 2025 at 20:41 IST