अपडेटेड 29 May 2025 at 08:27 IST
सऊदी अरब में ओवैसी ने खोली पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा की पोल, आतंकी घटनाओं का जिक्र कर जमकर धोया, कहा- वापस ग्रे लिस्ट में डाला जाए
सऊदी अरब के रियाद में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान अरब जगत और मुस्लिम जगत को गलत संदेश दे रहा है कि हम एक मुस्लिम देश हैं और भारत नहीं है। भारत में 240 मिलियन भारतीय मुसलमान गर्व से रहते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Asaduddin Owaisi in Saudi Arabia: दुनियाभर में पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने का जिम्मा सरकार ने अलग-अलग दलों के 7 प्रतिनिधिमंडलों को सौंपा है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद यह डेलिगेशनंस अलग-अलग देशों का दौरा कर पाकिस्तान की पोल खोल रहे हैं। इस कड़ी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनका डेलिगेशन मुस्लिम देश सऊदी अरब पहुंचा, जहां वे आतंकी घटनाओं का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को जमकर लताड़ते नजर आए। ओवैसी ने यहां से पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट की मांग की।
ओवैसी उस डेलिगेशन का हिस्सा हैं, जिसे BJP नेता बैजयंत पांडा लीड कर रहे हैं। प्रतिनिमंडल ने पहले बहरीन और फिर कुवैत का दौरा किया और इसके बाद अब सऊदी अरब पहुंचा है। पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए डेलिगेशन को अल्जीरिया का भी दौरा करना है।
सऊदी अरब में पाकिस्तान पर बरसे असदुद्दीन ओवैसी
सऊदी अरब के रियाद में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 26/11 आतंकी हमले से लेकर पठानकोट-पहलगाम तक सभी आतंकी घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में वापस लाया जाना चाहिए। तभी हम इन सभी आतंकवादी संगठनों के आतंकी वित्तपोषण को नियंत्रित कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि जब इस व्यक्ति (असीम मुनीर) को पाकिस्तान में फील्ड मार्शल बनाया गया, तब मोहम्मद एहसान नाम के अमेरिकी आतंकवादी फील्ड मार्शल के ठीक बगल में बैठा था। इस फील्ड मार्शल के साथ हाथ मिलाते हुए उसकी तस्वीरें हैं। यह पाकिस्तान की संलिप्तता के स्पष्ट सबूत हैं। आतंकवादी समूह वहां फल-फूल रहे हैं, उन्हें वहां ट्रेनिंग दी जा रही है और इनका पूरा काम भारत को अस्थिर करना है, जिससे भारत में हिंदू-मुस्लिम दंगे हो सकें।
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'भारत में गर्व से रह रहे मुसलमान'
ओवैसी ने पाकिस्तान प्रोपगेंडा की पोल खोलते हुए यह भी कहा कि ये सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान अरब जगत और मुस्लिम जगत को गलत संदेश दे रहा है कि हम एक मुस्लिम देश हैं और भारत नहीं है। भारत में 240 मिलियन भारतीय मुसलमान गर्व से रहते हैं।
इस दौरान उन्होंने मुंबई आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की न्याय व्यवस्था ने कानून की सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अजमल कसाब को मौत की सजा सुनाई। उसने कई बातें बताईं। इतना ही नहीं हमारी एजेंसियों ने उन ऑडियो बातचीत को रिकॉर्ड करने में सक्षम थीं, जिसमें पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी समूह पांच सितारा होटलों में भारतीयों की हत्या करने वाले आतंकवादियों के साथ बात कर रहे थे। उन बातचीत में उन्हें साफ तौर से कहा गया था कि हिम्मत मत हारो, जितने भारतीयों को मार सकते हो मारो और तुम जन्नत जाओगे। यह वह बातचीत थी जो रिकॉर्ड की गई थी।"
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मुंबई हमले के बाद सबूत देने के बाद भी पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया- ओवैसी
ओवैसी ने रियाद में बताया कि किस तरह से 26/11 आतंकी हमले के बाद तत्कालीन मनमोहन सरकार ने पाकिस्तान को सारे सबूत दिए। बावजूद इसके आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ आगे नहीं बढ़ा। पाकिस्तान तब मुकदमा आगे बढ़ना पर मजबूर हुआ जब उसे FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया। जर्मनी में बैठक हुई और भारत चाहता था कि साजिद मीर पर अभियोग लगाया जाए, लेकिन तब पाकिस्तान ने कहा कि वह मर चुका है। फिर पाकिस्तान FATF की समिति के सामने आया और उसने कहा कि साजिद मीर जिंदा है। आप कल्पना कर सकते हैं कि जो देश ऐसा कह रहा था कि वह मर चुका है, वो अचानक से जीवित हो गया? फिर पाकिस्तानी सरकार ने यह कहा कि हमारी अदालतों ने उसे 5 से 10 साल की सजा सुनाई है, लेकिन 26/11 के मुख्य अपराधी अभी भी बेखौफ हैं। उन्हें आतंकवाद के लिए नहीं, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दोषी ठहराया गया था।
'प्रधानमंत्री के पाकिस्तान जाने की मैंने भी की थी आलोचना'
AIMIM प्रमुख ने इस दौरान पठानकोट हमले का जिक्र किया और कहा कि यह घटना मेरे प्रधानमंत्री के बिन बुलाए पाकिस्तान जाने के बाद हुई। उन्होंने कहा कि मैं इसे रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं, मैं ही वह शख्स था जिसने उनके वहां जाने की आलोचना की थी। कई विपक्षी दलों भी इसकी आलोचना करते नजर आए थे। हमारे एयरबेस पर हमला किया गया और हमने अपने कई कर्मियों को खो दिया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान सबूत चाहता है; आप (पाकिस्तान) अपनी टीम भेजें। क्या आप सोच सकते हैं कि कोई देश पड़ोसी देश की जासूसी एजेंसी को बुलाए? उन्हें आमंत्रित किया गया, सभी रिकॉर्ड भी दिए गए, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। सवाल यह किया जाता है कि हम पाकिस्तान से बातचीत क्यों नहीं करते। हम पाकिस्तान में किससे बात करें?
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 29 May 2025 at 08:27 IST