अपडेटेड 15 June 2025 at 16:31 IST

चमत्कार, ग्‍लोबल वॉर्मिंग या कुछ और? 9000 फीट ऊंची एवरेस्‍ट की चोटी पर मिले 10 किंग कोबरा; वैज्ञानिकों को भी घूमा माथा

King Cobra Found on Mount Everest: काठमांडू के रिहायशी इलाकों में इन सांपों की मौजूदगी ने लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। वहीं वैज्ञानिकों की चिंता और भी गहरी है क्योंकि हाल ही में स्थानीय जंगलों में इन सांपों के घोंसले और अंडे भी पाए गए हैं। यह संकेत है कि ये जहरीले सांप अब केवल गुजर नहीं रहे, बल्कि स्थायी रूप से बसने और प्रजनन करने लगे हैं। यह एक गहरा पारिस्थितिक बदलाव है, जो सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन और मानव हस्तक्षेप से जुड़ा हो सकता है।

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चमत्कार, ग्‍लोबल वॉर्मिंग या कुछ और? 9000 फीट ऊंची एवरेस्‍ट की चोटी पर मिले 10 किंग कोबरा; वैज्ञानिकों को भी घूमा माथा | Image: Meta - AI

King Cobras Found On Mount Everest: सांपों की दुनिया में किंग कोबरा को दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में गिना जाता है। आमतौर पर ये सांप ट्रॉपिकल और उमस भरी गर्मी वाले नम इलाकों जैसे धान के खेतों, दलदलों और मैंग्रोव जंगलों में पाए जाते हैं। लेकिन हाल ही में इन सांपों की उपस्थिति एक ऐसी जगह पर दर्ज की गई है, जहां इन्हें पहले कभी नहीं देखा गया था। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट के पास। एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एवरेस्ट क्षेत्र में 10 जहरीले सांपों की पहचान की है, जिनमें 9 किंग कोबरा और एक मोनोकल्ड कोबरा शामिल हैं। किंग कोबरा के माउंट एवरेस्ट पर पाए जाने की घटना ने विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है। इस घटना पर वैज्ञानिक भी हैरान हैं। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इन सांपों का इतनी ऊंचाई पर पाया जाना जलवायु परिवर्तन का सीधा संकेत है। बदलती जलवायु के कारण अब ये ज़हरीले सांप उन इलाकों में भी पहुंच रहे हैं, जहां पहले उनके लिए जीवन संभव नहीं था। यह न सिर्फ जैव विविधता के लिए एक चेतावनी है, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी गंभीर संकेत हो सकता है।

नेपाल की राजधानी काठमांडू के नज़दीक हाल ही में 10 अत्यंत ज़हरीले सांप पाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये सांप रिहायशी इलाकों में देखे गए थे, जिन्हें बाद में सुरक्षित रूप से पकड़कर जंगलों में छोड़ दिया गया। इस घटना ने वैज्ञानिकों और स्थानीय लोगों के बीच चिंता पैदा कर दी है। आमतौर पर कोबरा जैसे ज़हरीले सांप गर्म और नम जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं, ऐसे में उनका ठंडे और पहाड़ी इलाकों में देखा जाना हैरान करने वाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण इन सांपों का रहवास क्षेत्र अब बदल रहा है। वे अब उन क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं, जो पहले उनके लिए उपयुक्त नहीं माने जाते थे। इसके अलावा वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि परिवहन और मानवीय गतिविधियों के ज़रिए भी इन सांपों का नए इलाकों में प्रसार हो सकता है। नेपाल के तराई क्षेत्र में सर्पदंश से होने वाली मौतें पहले से ही चिंता का विषय बनी हुई हैं, और अब पहाड़ी इलाकों में इनका दिखाई देना एक और खतरे की घंटी है।


ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते हो रहा पारिस्थितिकी में परिवर्तन!

पिछले एक महीने में नेपाल की राजधानी काठमांडू और उसके आसपास के इलाकों में 10 अत्यधिक ज़हरीले सांपों की मौजूदगी दर्ज की गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी सांप हिमालय क्षेत्र में, माउंट एवरेस्ट से मात्र 160 किलोमीटर की दूरी पर पाए गए हैं वह इलाका जो अब तक ऐसे विषैले सरीसृपों से अछूता माना जाता था। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह कोई सामान्य या संयोगवश हुई घटना नहीं है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के गहरे और चिंताजनक प्रभावों का संकेत है। इन कोबरा जैसे ज़हरीले सांपों का ठंडे और ऊंचाई वाले इलाकों में दिखाई देना यह दर्शाता है कि बढ़ती ग्लोबल वॉर्मिंग ने अब उनकी पारंपरिक सीमाएं बदल दी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल एक पारिस्थितिक बदलाव नहीं, बल्कि एक गंभीर चेतावनी है। अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसे बदलाव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता और मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। अब यह जरूरी हो गया है कि जलवायु परिवर्तन को केवल एक भविष्य की समस्या मानने के बजाय, इसे एक मौजूदा संकट के रूप में देखा जाए और उसके अनुरूप कार्य भी किया जाए।


क्या है किंग कोबरा की खासियत?

हाल ही में नेपाल की राजधानी काठमांडू और उसके आस-पास के इलाकों में बेहद ज़हरीले सांपों की उपस्थिति ने वैज्ञानिकों और आम लोगों दोनों को चौंका दिया है। इनमें शामिल हैं दुनिया के सबसे लंबे और विषैले सांपों में गिने जाने वाले किंग कोबरा और दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाने वाले मोनोकल्ड कोबरा। विशेषज्ञों के अनुसार, किंग कोबरा दुनिया का सबसे लंबा ज़हरीला सांप है, जिसकी लंबाई 18 फीट तक हो सकती है। यह सांप अत्यधिक घातक न्यूरोटॉक्सिन उत्पन्न करता है, जो शिकार के तंत्रिका तंत्र को तत्काल प्रभाव से निष्क्रिय कर देता है। सामान्यतः यह सांप भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और फिलीपींस के घने, गर्म और पहाड़ी जंगलों में पाया जाता है। आइए हम आपको प्वाइंटर्स में बताते हैं किंग कोबरा की खासियत

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  • दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांपः 18 फीट (लगभग 5.5 मीटर) तक हो सकती है।
  • बेहद विषैलाः न्यूरोटॉक्सिन इसका ज़हर तंत्रिका तंत्र को तेज़ी से प्रभावित करता है और कुछ ही मिनटों में मौत का कारण बन सकता है।
  • मुख्य आवास क्षेत्रः ये आमतौर पर भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और फिलीपींस के घने, नम और गर्म जंगलों में पाया जाता है।
  • शिकार करने की अनोखी आदतः यह अन्य सांपों को भी शिकार बनाता है, यहां तक कि जहरीले सांपों को भी खा जाता है।
  • गंभीर खतरे की स्थिति में हुड फैलाता हैः डर या खतरे की स्थिति में ये अपना सिर ऊपर उठाकर फन फैलाता है और फुफकार मारता है।
  • अंडे देने वाला सांपः मादा किंग कोबरा घोंसला बनाकर अंडे देती है और अपने अंडों की सक्रिय सुरक्षा भी करती है, जो साँपों में दुर्लभ व्यवहार है।
  • नेपाल जैसे ठंडे क्षेत्रों में बेहद दुर्लभः किंग कोबरा आमतौर पर गर्म जलवायु में पाया जाता है, इसलिए इसका काठमांडू या एवरेस्ट क्षेत्र में दिखना असामान्य और चिंताजनक है।


स्थानीय इलाकों में डर और वैज्ञानिकों में चिंता

 नेपाल के पहाड़ी इलाकों में ऐसे सांपों का दिखाई देना जो कि सामान्यतः तराई जैसे गर्म इलाकों में पाए जाते थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह केवल मौसमी प्रवास नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन का सीधा प्रभाव है। विगत वर्षों में किए गए शोधों से यह स्पष्ट हुआ है कि नेपाल के पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान औसतन हर साल 0.05°C की दर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि तराई क्षेत्रों की तुलना में अधिक तेज है, जिसके परिणामस्वरूप इन ऊंचाई वाले इलाकों में गर्म माइक्रोक्लाइमेट बनने लगे हैं। इन्हीं बदलते हुए पर्यावरणीय हालातों के कारण कई उष्णकटिबंधीय प्रजातियां, जिनमें सांप प्रमुख हैं, अब अपने पारंपरिक आवासों को छोड़कर नए क्षेत्रों की ओर रुख कर रही हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है, क्योंकि इससे स्थानीय जैव विविधता पर असर पड़ सकता है और मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं।


नेपाल में कोबरा का मिलना बना वैश्विक चर्चा का विषय

नेपाल की राजधानी काठमांडू के आसपास के पहाड़ी इलाकों में हाल ही में किंग कोबरा जैसे खतरनाक सांप देखे गए हैं, जो अब तक केवल तराई क्षेत्र में पाए जाते थे। यह घटना वैज्ञानिकों और आम लोगों दोनों के लिए चिंता का विषय बन गई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बदलाव जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। बढ़ते तापमान के कारण अब ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी ऐसे उष्णकटिबंधीय जीवों के लिए अनुकूल माहौल बनने लगा है। लेकिन कुछ विशेषज्ञ इससे अलग राय रखते हैं। सांप रेस्क्यू इंस्ट्रक्टर सुबोध आचार्य का मानना है कि यह पूरी तरह प्राकृतिक प्रवास नहीं हो सकता। उनके अनुसार, संभव है कि ये सांप लकड़ी या भूसे से लदे ट्रकों में छिपकर गलती से पहाड़ी इलाकों तक पहुंच गए हों। अनजाने में हुई यह मानवीय आवाजाही शायद इन प्रजातियों को नए इलाकों में बसने का मौका दे रही है। नेपाल के तराई क्षेत्र में सांपों का खतरा कोई नई बात नहीं है। हर साल यहां सांप के काटने से लगभग 2700 लोगों की मौत होती है। हालांकि सांपों की मौजूदगी तराई में सामान्य मानी जाती है, लेकिन किंग कोबरा जैसे खतरनाक सांपों का काठमांडू जैसे शहरी और ऊंचाई वाले क्षेत्र तक पहुंचना अब वैश्विक चर्चा का विषय बन गया है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 15 June 2025 at 16:31 IST