अपडेटेड 16 August 2025 at 03:43 IST
डोनाल्ड ट्रंप-पुतिन की मीटिंग पर दुनियाभर की नजरें, जानिए कितने बजे होगी मुलाकात; पूरी टाइमलाइन
Trump and Putin meeting: रूसी सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने शुक्रवार को क्रेमलिन प्रवक्ता पेस्कोव के हवाले से कहा कि पुतिन-ट्रम्प वार्ता में कम से कम 6-7 घंटे लग सकते हैं। पेस्कोव ने यह भी कहा कि दोनों नेताओं की आमने-सामने की मुलाकात के दौरान उनके सहयोगी भी उनके साथ होंगे, और रूस को उम्मीद है कि इस शिखर सम्मेलन से नतीजे निकलेंगे। उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Trump and Putin meeting time: भारतीय समयानुसार आज देर रात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक बड़ी मुलाकात होने जा रही है। अमेरिका के अलास्का में होने वाली इस मीटिंग पर दुनियाभर की नजरें हैं। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया के इन दो दिग्गजों की यह उच्च-स्तरीय बैठक न केवल यूक्रेन में युद्ध की दिशा निर्धारित कर सकती है, बल्कि यूरोपीय सुरक्षा का भाग्य भी तय कर सकती है। वहीं, इस बैठक का भारत ने स्वागत किया है। अब आइए जानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप और रूसी प्रेसिडेंट पुतिन की यह मुलाकात कब होगी। इसकी पूरी टाइमलाइन क्या है। इसे हम वहां के स्थानीय समय के साथ भारतीय समयानुसार के आधार पर भी जानेंगे।
इस मुलाकात को लेकर रूसी राष्ट्रपति हाउस यानी क्रेमलिन ने कहा है कि यह शिखर सम्मेलन कम से कम छह से सात घंटे तक चले सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस के कार्यक्रम के अनुसार, पुतिन और ट्रंप स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे आमने-सामने की बैठक करेंगे। इसके बाद वे दोनों पक्षों के पाँच-पाँच अधिकारियों वाले प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत करेंगे। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की उम्मीद है। ट्रंप स्थानीय समयानुसार शाम 5.45 बजे वाशिंगटन वापस लौटेंगे।
Trump and Putin meeting timeline: भारतीय समयानुसार रात 12 बजे हो सकती है डोनाल्ड ट्रंप-पुतिन की मीटिंग
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह मुलाकात अलास्का में होने जा रही है। एक विदेशी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप शुक्रवार सुबह 6:45 बजे पूर्वी समय (भारतीय समयानुसार शुक्रवार शाम 4:15 बजे) वाशिंगटन से एंकरेज के लिए लगभग छह से सात घंटे की उड़ान के लिए रवाना हुए। उनके दोपहर 3 बजे पूर्वी समय (भारतीय समयानुसार मध्यरात्रि) एक द्विपक्षीय कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है। The White House ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए अलास्का रवाना हुए।"
ट्रम्प रात 9:45 बजे पूर्वी समय (शनिवार सुबह 7:15 बजे भारतीय समयानुसार) अलास्का से प्रस्थान कर सकते हैं। वहीं, एयर फोर्स वन में सवार होते हुए ट्रंप ने कहा, "मैं यहां यूक्रेन के लिए बातचीत करने नहीं आया हूं, मैं उन्हें बातचीत की मेज पर लाने आया हूं।"
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ट्रम्प-पुतिन की यह मीटिंग शुक्रवार, 15 अगस्त को अलास्का समयानुसार सुबह 11:30 बजे (पूर्वी समयानुसार दोपहर 3:30 बजे) शुरू होगी, जो भारत में शनिवार, 16 अगस्त की मध्य रात्रि (रात 12:00 बजे) के बराबर है। यह वार्ता ज्वाइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में होगी, जो एक प्रमुख अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान है जहां लगभग 30,000 सैन्यकर्मी, उनके परिवार और असैन्य कर्मचारी रहते हैं। यह बेस रूसी सीमा से लगभग 700 मील दूर स्थित है।
पुतिन-ट्रम्प वार्ता में कम से कम 6-7 घंटे लग सकते - क्रेमलिन प्रवक्ता पेस्कोव
रूसी सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने शुक्रवार को क्रेमलिन प्रवक्ता पेस्कोव के हवाले से कहा कि पुतिन-ट्रम्प वार्ता में कम से कम 6-7 घंटे लग सकते हैं। पेस्कोव ने यह भी कहा कि दोनों नेताओं की आमने-सामने की मुलाकात के दौरान उनके सहयोगी भी उनके साथ होंगे, और रूस को उम्मीद है कि इस शिखर सम्मेलन से नतीजे निकलेंगे। उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी।
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यह बैठक यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और शांति की संभावनाओं को खोलने का वादा करती है - भारत
भारतीय विदेश मंत्रालय ने 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में होने वाली आगामी बैठक पर अपना बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता Randhir Jaiswal ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस बयान को शेयर भी किया है।
इसमें विदेश मंत्रालय ने कहा है, "भारत, 15 अगस्त 2025 को अलास्का में होने वाली बैठक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और रूसी संघ के बीच बनी सहमति का स्वागत करता है। यह बैठक यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और शांति की संभावनाओं को खोलने का वादा करती है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर कहा है, "यह युद्ध का युग नहीं है"।" इसमें आगे कहा गया है, "इसलिए, भारत आगामी शिखर सम्मेलन का समर्थन करता है और इन प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है।"
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 15 August 2025 at 21:43 IST