अपडेटेड 5 October 2025 at 17:19 IST
नेपाल में बाढ़ और भू-स्खलन से भारी तबाही, 18 लोगों की मौत से भावुक हुए PM मोदी; तुरंत बढ़ाया मदद का हाथ
Nepal flood news today: न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि सुनसारी, उदयपुर, सप्तरी, सिराहा, धनुषा, महोत्तरी, सरलाही, रौतहट, बारा, परसा, सिंधुली, दोलखा, रामेछाप, सिंधुपालचोक, कावरेपालनचोक, काठमांडू, ललितपुर, भक्तपुर, मकवानपुर और चितवन सहित कई जिलों में बाढ़ और भू-स्खलन का बहुत अधिक खतरा है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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Nepal flood news today: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बाढ़ और भू-स्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक कुल 18 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी नेपाल के इलम में पिछले 24 घंटों में बाढ़ और भू-स्खलन की घटनाओं में कम से कम 18 लोगों की जान चली गई है, पुलिस ने रविवार सुबह यह जानकारी दी।
नेपाल में बाढ़ और भू-स्खलन से भारी तबाही पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने तुरंत पड़ोसी देश को हर संभव मदद करने की भी बात कही है। पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “नेपाल में भारी बारिश से हुई जनहानि और क्षति दुखद है। इस कठिन समय में हम नेपाल की जनता और सरकार के साथ हैं। एक मित्रवत पड़ोसी और प्रथम प्रतिक्रियादाता के रूप में, भारत हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
नेपाल के इन क्षेत्रों में हुई जनहानि
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कोशी प्रांत पुलिस कार्यालय के प्रवक्ता एसएसपी दीपक पोखरेल के अनुसार, आज सुबह तक सूर्योदय नगर पालिका में भू-स्खलन में कम से कम 5 लोग, मंगसेबंग नगर पालिका में 3, इलम नगर पालिका में 6 लोग मारे गए। इसी तरह, देउमाइ नगर पालिका में तीन लोग मारे गए हैं, जबकि फकफोकथुम ग्राम परिषद में एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
एसएसपी पोखरेल ने एएनआई को फोन पर बताया, "मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं। अभी हमारे पास नुकसान और क्षति का केवल प्रारंभिक जानकारी है।" फिलहाल, सुरक्षा एजेंसियों के तीनों स्तरों नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस को मौके पर तैनात कर दिया गया है। उन्हें काठमांडू घाटी के बाढ़ के मैदानों से निवासियों को निकालने के लिए तैनात किया गया है, क्योंकि भारी बारिश और आगे भी बारिश की चेतावनी के कारण नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
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इन क्षेत्रों में बाढ़ और भू-स्खलन का बहुत अधिक खतरा
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि सुनसारी, उदयपुर, सप्तरी, सिराहा, धनुषा, महोत्तरी, सरलाही, रौतहट, बारा, परसा, सिंधुली, दोलखा, रामेछाप, सिंधुपालचोक, कावरेपालनचोक, काठमांडू, ललितपुर, भक्तपुर, मकवानपुर और चितवन सहित कई जिलों में बाढ़ और भू-स्खलन का बहुत अधिक खतरा है।
मानसून संबंधी आपदाओं से दो मिलियन लोग हो सकते हैं प्रभावित
मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल ने इस साल पहले औसत से बेहतर मानसून की उम्मीद की थी, लेकिन बारिश का पैटर्न बदल गया है। मानसून का मौसम आमतौर पर जून से सितंबर के अंत तक चलता है, लेकिन इसके फिर से सक्रिय होने से वापसी के दौर में भी भारी बारिश हो रही है।
राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ष मानसून संबंधी आपदाओं से 457,145 परिवारों के लगभग दो मिलियन (1,997,731) लोग प्रभावित हो सकते हैं।
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Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 5 October 2025 at 17:19 IST