अपडेटेड 31 August 2025 at 20:49 IST

PM Modi ने चीनी राष्ट्रपति शी को दिया भारत आने का न्योता, जानें बॉर्डर पर शांति समेत अन्य किन मुद्दों पर हुई बातचीत

PM Modi and Xi Jinping Bilateral Talks: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत- चीन बॉर्डर से जुड़े सवाल पर कहा कि हम शुरू से मानते आए हैं और अलग-अलग स्तर पर ये साफ कहते आ रहे हैं कि बाउंड्री पर जो स्थिति होगी, उसका (बॉर्डर पर स्थिति का) असर द्विपक्षीय रिश्तों में किसी ना किसी तरह देखेंगे। इसी वजह से द्विपक्षीय संबंधों के लिए जो एक तरह से इंश्योरेंस पॉलिसी है, वो बाउंड्री पर शांति बनाए रखना है। मिस्त्री ने बताया कि ये बात स्पष्ट तरीके से प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी के सामने रखी है।

PM Modi and Xi Jinping
PM Modi and Xi Jinping | Image: Narendra Modi/X

PM Modi and Xi Jinping Bilateral Talks: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन से पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात और द्विपक्षीय बैठक की। इसको लेकर प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, "शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक सार्थक बैठक हुई। हमने कजान में हुई अपनी पिछली बैठक के बाद से भारत-चीन संबंधों में आई सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की। हम सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व पर सहमत हुए और आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।"

वहीं, भारत और चीन के बीच हुई इस द्विपक्षीय बैठक के बारे में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने मीडिया को विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शी को 2026 में भारत द्वारा आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया। राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और भारत की BRICS अध्यक्षता के लिए चीन का पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की।”


राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया - विक्रम मिस्री

चीन के तियानजिन में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री यहां आयोजित हो रहे SCO शिखर सम्मेलन के लिए तियानजिन की यात्रा पर हैं। आज सुबह प्रधानमंत्री का पहला कार्यक्रम चीनी जनवादी गणराज्य के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक थी। हमने उस बैठक पर एक बयान जारी किया है। एक साल से भी कम समय में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी बैठक है। उनकी पिछली बैठक पिछले साल अक्टूबर में कजान में हुई थी, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए कुछ रणनीतिक दिशानिर्देश निर्धारित किए थे और दोनों पक्षों द्वारा प्राप्त किए जाने वाले कुछ लक्ष्य निर्धारित किए थे।"

प्रधानमंत्री मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, “बहुपक्षीय मंचों सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने SCO की चीन की वर्तमान अध्यक्षता और तियानजिन में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति शी को 2026 में भारत द्वारा आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में भी आमंत्रित किया। राष्ट्रपति शी ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और भारत की BRICS अध्यक्षता के लिए चीन को पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की।”

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दोनों देशों के साझा हित उनके मतभेदों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण 

प्रधानमंत्री मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच विकास को लेकर चर्चा की गई। दोनों शीर्ष नेता इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देश मुख्य रूप से अपने घरेलू विकास लक्ष्यों पर केंद्रित हैं, इस मामले में वे प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि साझेदार हैं। उन्होंने आगे बताया  कि उनके बीच आम सहमति इस पर भी थी कि भारत और चीन के बीच एक स्थिर और सौहार्दपूर्ण संबंध दोनों देशों में रहने वाले 2.8 अरब लोगों के लिए लाभकारी हो सकता है।

विक्रम मिस्त्री ने बताया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि मतभेदों को विवादों में नहीं बदलने देना चाहिए। अगर एक एशियाई सदी और एक विश्व व्यवस्था को अस्तित्व में लाना है, जिसके केंद्र में एशिया हो, तो भारत और चीन का विकास और सहयोग बेहद जरूरी है। दोनों नेता कजान में हुई बैठक के बाद हुई प्रगति, उठाए गए कदमों और उस बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में बनी रही गति, खासकर लोगों के आपसी संबंधों के क्षेत्र में, पर खुश हैं।  उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के सिद्धांतों पर बात की, जिससे उम्मीद है कि दोनों पक्षों के भविष्य के कार्यों को दिशा मिलेगी क्योंकि हम संबंधों के अन्य पहलुओं पर काम कर रहे हैं।

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द्विपक्षीय संबंधों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी है बॉर्डर पर शांति

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत- चीन बॉर्डर से जुड़े सवाल पर कहा कि हम शुरू से मानते आए हैं और अलग-अलग स्तर पर ये साफ कहते आ रहे हैं कि बाउंड्री पर जो स्थिति होगी, उसका (बॉर्डर पर स्थिति का) असर द्विपक्षीय रिश्तों में किसी ना किसी तरह देखेंगे। इसी वजह से द्विपक्षीय संबंधों के लिए जो एक तरह से इंश्योरेंस पॉलिसी है, वो बाउंड्री पर शांति बनाए रखना है। मिस्त्री ने बताया कि ये बात स्पष्ट तरीके से प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी के सामने रखी है। 

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 31 August 2025 at 20:47 IST