अपडेटेड 29 June 2025 at 00:01 IST
पाकिस्तान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ आर्मी चीफ असीम मुनीर का लंच करना महंगा पड़ गया। असीम मुनीर के अमेरिका में जाकर राष्ट्रपति के साथ लंच करना चीन को खटक रहा है। तभी तो चीन ने पाकिस्तान को एक के बाद एक ताबड़तोड़ झटका दे दिया। चीन ने पहले पाकिस्तान के साथ जेट-35 डील को नहीं होने दिया और अब हाइपरसोनिक मिसाइल को लेकर भी झटका दे दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं पाकिस्तान पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों को चीनी निर्मित उन्नत मिसाइल सिस्टम की जांच करने की अनुमति दे सकता है। बता दें, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर जितने भी चीन निर्मित मिसाइलें दागी, वो सब फेल हो गए। ऐसे में चीनी मिसाइलों की टेस्टिंग को लेकर ड्रैगन और भी परेशान है।
सूत्रों का हवाला देते हुए, डिफेंस वेबसाइट इंडियन डिफेंस रिसर्च विंग (Idrw) ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान को सूचित किया है कि उसने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइलों के निर्यात वेरिएंट्स विकसित नहीं किए हैं, न ही मौजूदा मिसाइलों - जैसे कि हाइपरसोनिक वारहेड से लैस DF-17 - को निर्यात के लिए मंजूरी दी गई है, जो कम से कम फिलहाल के लिए तकनीक को प्रतिबंधित करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग ने हाइपरसोनिक मिसाइलों के लिए पाकिस्तान के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के अनुरोध को भी खारिज कर दिया है। अगर चीन ने इसकी अनुमती दे दी होती तो इससे पाकिस्तान को इन उन्नत मिसाइलों का स्वदेशी रूप से निर्माण करने की अनुमति मिल जाती। इससे पाकिस्तान की रक्षा आयात पर निर्भरता कम हो जाती।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चीन 2026 तक पाकिस्तानी एयर फोर्स को J-35A स्टील्थ फाइटर जेट की आपूर्ति करने के दावे वाले रिपोर्ट का खंडन किया। पिछले सप्ताह सऊदी अरब के न्यूज आउटलेट अरब न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में आसिफ ने दावों को खारिज कर दिया और कहा, “मुझे लगता है कि यह केवल मीडिया में है, आप जानते हैं... यह चीनी रक्षा बिक्री के लिए अच्छा है।”
पब्लिश्ड 27 June 2025 at 21:02 IST