अपडेटेड 15 February 2024 at 16:56 IST

पाकिस्तान सेना और सुप्रीम कोर्ट में ठन गई, फटकार लगाते कहा- सेना व्यवसाय की जगह रक्षा पर ध्यान लगाए

Pakistan News : पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पाक सेना की कड़ी आलोचना की है। कोर्ट ने कहा कि सेना व्यवसाय के बजाए रक्षा पर दे ध्यान।

Pakistan Supreme Court
Supreme Court of Pakistan | Image: AP

Pakistan News : पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जहां दिखाने को तो चुनाव होते और सरकारें बनती हैं, लेकिन हुकूमत पाकिस्तान आर्मी की चलती है। अब स्थिति इनती नाजुक हो गई है कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा (Chief Justice of Pakistan) ने सेना को लताड़ा है। सेना के राजनीतिक और व्यवसायिक दखलअंदाजी को लेकर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आलोचना की है। कोर्ट ने कहा कि सेना व्यवसाय के बजाए रक्षा पर ध्यान दे।

एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से आश्वासन मांगा है। जिसमें सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सेना रक्षा के अलावा किसी अन्य व्यवसायों में हस्तक्षेप नहीं करेगी। यह आश्वासन पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (CJP) काजी फैज ईसा ने मांगा, जो व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए सैन्य भूमि के उपयोग की जांच के मामले में तीन-न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे। 

क्या है मामला?

यह मामला पूर्व CJP गुलजार अहमद द्वारा 2021 में शुरू किया गया था, जब अदालत का ध्यान कराची में छावनी बोर्ड की भूमि के अवैध उपयोग की ओर आकर्षित किया गया था। इस जमीन को रणनीतिक उद्देश्यों के लिए अधिग्रहित किया गया था। जिसे बाद में कमर्शियल के रूप में इस्तेमाल किया गया। अब इस जमीन पर मैरिज हॉल बनाया दिया गया है। बुधवार को न्यायमूर्ति ईसा ने खेद जताते हुए कहा-

सेना ने सैन्य भूमि पर मैरिज हॉल स्थापित किए हैं और फिर पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान से आश्वासन मांगा कि सेना व्यवसाय चलाने में शामिल नहीं होगी। सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सशस्त्र बल व्यावसायिक गतिविधियों के बजाय रक्षा पर ध्यान केंद्रित करें। क्या यह आश्वासन मिल सकता है?

सब दर्शक बनकर देखते रहे?

सुनवाई के दौरान, इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के वकील ने अदालत को बताया कि जिस इमारत से विवाद हुआ वह बोर्ड की थी। जिस व्यक्ति को जमीन आवंटित की गई थी, उसने इसे फर्जी कागजात पर बेच दिया जिसके बाद पांच मंजिला इमारत बनाई गई। न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर ने आश्चर्य जताया कि जब इमारत का निर्माण किया जा रहा था, तो क्या ETPB एक दर्शक बना सब देख रहा था?

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मुख्य न्यायाधीश ईसा ने कहा कि सिंध बिल्डिंग कंट्रोल अथॉरिटी की भागीदारी के बिना यह संभव नहीं होता। अदालत ने कहा कि कराची रजिस्ट्री की संपत्ति का ऑडिट संघीय राजस्व बोर्ड द्वारा किया जाना चाहिए।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 15 February 2024 at 16:56 IST