अपडेटेड October 24th 2024, 20:21 IST
पाकिस्तान के ईसाई नेताओं ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पत्र लिखकर कहा है कि ईसाई धर्म पर अनुचित टिप्पणी करने को लेकर इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।सरकार के निमंत्रण पर एक महीने की यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे नाइक ने कराची, इस्लामाबाद और लाहौर जैसे शहरों में ‘‘विवादास्पद’’ व्याख्यान दिए।
तीन दशकों में यह उसकी पहली पाकिस्तान यात्रा है। इससे पहले वह 1992 में पाकिस्तान आया था। धनशोधन और नफरत भरे भाषणों के जरिए चरमपंथ भड़काने के आरोप के चलते नाइक ने 2016 में भारत छोड़ दिया था। उसे मलेशिया में महाथिर मोहम्मद के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वहां स्थायी निवास की अनुमति दी गई थी।
साइनोड-चर्च ऑफ पाकिस्तान के प्रमुख बिशप डॉ. आजाद मार्शल और अन्य ईसाई नेताओं ने शरीफ तथा जरदारी को पत्र लिखकर कहा कि राजकीय अतिथि के रूप में आए नाइक का ईसाइयों और उनके धर्म के बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां करना निंदनीय है।
ईसाई नेताओं ने नाइक के खिलाफ कार्रवाई करने और भविष्य में इस तरह की चीजों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया। पत्र में कहा गया, ‘‘डॉ. जाकिर नाइक के सार्वजनिक संबोधनों ने ईसाई समुदाय में रोष पैदा कर दिया है क्योंकि उसने खुलेआम हमारे धर्म की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए, हमारे पवित्र ग्रंथों पर अनुचित टिप्पणी की और गलत बयानबाजी की।’’
पब्लिश्ड October 24th 2024, 20:21 IST