अपडेटेड May 6th 2025, 21:35 IST
पाकिस्तान को एक और कूटनीतिक झटका तब लगा जब अफगानिस्तान ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी को फोन किया। बातचीत के दौरान डार ने मुत्ताकी को बताया कि भारत किस तरह पाकिस्तान पर हमला करने की योजना बना रहा है। उनका मकसद था कि अफगानिस्तान इस मामले में पाकिस्तान का साथ दे और भारत के खिलाफ समर्थन जाहिर करे। यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्तों में भारी तनाव है। पाकिस्तान की सेना कई बार अफगान सीमा में घुसकर कार्रवाई कर चुकी है, जिस पर तालिबान सरकार ने न सिर्फ नाराज़गी जताई, बल्कि कड़ी चेतावनी भी दी थी। अफगानिस्तान इन कार्रवाइयों को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है।
लेकिन मुत्ताकी ने न तो पाकिस्तान की चिंता को कोई खास तवज्जो दी, न ही भारत पर कोई आलोचनात्मक टिप्पणी की। इसके बजाय, उन्होंने बातचीत का रुख बदलते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री को व्यापार और यात्रा के मुद्दों पर समझाने और चर्चा करने लगे। यह घटना पाकिस्तान के लिए एक राजनयिक असहयोग का संकेत बन गई, जहां वह भारत को लेकर सहयोग की उम्मीद कर रहा था, वहीं अफगानिस्तान ने तटस्थ रुख अपनाकर उसे निराश कर दिया। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से उम्मीद की थी कि वह भारत के खिलाफ उसका साथ देगा, लेकिन कूटनीतिक बातचीत के दौरान उसे निराशा ही हाथ लगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर बातचीत की।
इस बातचीत में डार ने भारत की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी और अफगानिस्तान से अपेक्षा जताई कि वह पाकिस्तान का समर्थन करेगा। लेकिन मुत्ताकी ने भारत पर कोई टिप्पणी करने से परहेज़ किया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए कई सकारात्मक प्रयास किए हैं, खासकर व्यापार और यात्रा के क्षेत्र में काफी सहूलियत दी है। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान सरकार और वहां की जनता के लिए शुभकामनाएं दीं और इशाक डार को दोबारा काबुल आने का निमंत्रण भी दिया। पूरी बातचीत में मुत्ताकी ने भारत को लेकर एक भी शब्द नहीं कहा, जिससे स्पष्ट हो गया कि अफगानिस्तान इस मुद्दे पर तटस्थ रहना चाहता है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों के बीच एक और कूटनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान डार ने भारत की ओर से उठाए गए कथित कदमों का ज़िक्र किया और उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान इस मुद्दे पर पाकिस्तान का पक्ष लेगा। लेकिन मुत्ताकी ने न तो भारत के खिलाफ कोई बयान दिया, न ही पाकिस्तान की चिंताओं पर सीधे प्रतिक्रिया दी। इसके बजाय, उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के लिए खासकर व्यापार और यात्रा के क्षेत्र में कई प्रयास किए हैं। उन्होंने पाकिस्तान सरकार और जनता को शुभकामनाएं दीं और डार को दोबारा काबुल आने का निमंत्रण भी दिया, लेकिन भारत का नाम तक नहीं लिया। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान फिलहाल भारत और पाकिस्तान के टकराव में तटस्थ रहने की नीति पर कायम है, और सीमाई संघर्षों को लेकर वह पाकिस्तान के प्रति असहजता जताता रहा है।
पब्लिश्ड May 6th 2025, 21:35 IST