अपडेटेड 8 September 2025 at 23:38 IST

हिंसक प्रदर्शन में 20 मौत 250 घायल, 6 शहरों में कर्फ्यू, PM ओली का सोशल मीडिया बैन हटाने से इनकार; चंद घंटों में कैसे सुलग गया नेपाल?

Nepal Protest: नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित अन्य शहरों में हिंसक प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई। मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में पीएम ओली ने कहा कि नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगाने का सरकार का फैसला सही है। उन्होंने इस बैन को हटाने से इनकार कर दिया।

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Nepal Protest | Image: Social Media X/K P Sharma Oli/ANI
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Nepal Protest: नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप और X जैसे करीब 26 सोशल मीडिया ऐप्स को बंद करना नेपाल की सरकार के लिए काफी महंगा पड़ता हुआ दिख रहा है। जी हां, बीते 4 सितंबर को नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने कुल 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दी थी। उसके बाद देश में माहौल काफी बिगड़ गया है। 


आज सुबह से ही नेपाल में Gen-Z और युवा समुदाय ने सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन तेज कर दिया। देखते ही देखते यह प्रदर्शन हिंसक रूप भी ले लिया। मिली जानकारी के अनुसार, इस हिंसक प्रदर्शन और पुलिस फायरिंग की कार्रवाई के बीच अब तक 20 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं, 250 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। राजधानी काठमांडू सहित करीब 6 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है। बताया जा रहा है कि आज चंद घंटों में नेपाल पूरी तरह से सुलग गया।


गृह मंत्री रमेश लेखक का इस्तीफा 

इस बीच आज शाम में एक और बड़ी खबर आई। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के गृह मंत्री रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंपा।


संसद गेट पर आग और देखते ही गोली मारने का आदेश

सोमवार को राजधानी काठमांडू सहित नेपाल के कई शहरों में गुस्साए हजारों की संख्या में Gen-Z लड़के और लड़कियां प्रदर्शन करते हुए नेपाल की संसद में घुस गए। संसद परिसर के गेट पर आग लगा दी गई। मामले को बढ़ता देख पुलिस को हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। 

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वहीं, इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 250 से अधिक लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए नेपाल सरकार ने उपद्रव करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है। इस प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर तोड़फोड़ की भी खबरें आईं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस-बलों पर पत्थरबाजी भी की। 


PM ओली का सोशल मीडिया बैन हटाने से इनकार

नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित अन्य शहरों में हिंसक प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई। मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में पीएम ओली ने कहा कि नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगाने का सरकार का फैसला सही है। उन्होंने इस बैन को हटाने से इनकार कर दिया। पीएम ओली ने आगे कहा कि सरकार उपद्रवियों के सामने नहीं झुकेगी और ना ही सोशल मीडिया ऐप्स पर लगाया गया बैन हटेगा।

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यहां बता दें कि इस बैठक में ओली सरकार में शामिल नेपाली कांग्रेस के मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया था। उनकी मांग थी कि सोशल मीडिया पर लगाए गए बैन को हटा लिया जाए। लेकिन जब पीएम ओली ने बैन न हटाने को लेकर अपना रुख साफ किया तो नाराज नेपाली कांग्रेस के मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक से वॉकआउट करना ही बेहतर समझा।

नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर क्यों लगाया बैन?

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X जैसे 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दिया था। मिली जानकारी के मुताबिक, यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया क्योंकि इन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। सरकार ने 2024 में एक नया कानून लागू किया था, जिसके तहत सभी सोशल मीडिया कंपनियों को नेपाल में ऑपरेशन के लिए स्थानीय कार्यालय स्थापित करना जरूरी है और टैक्सपेयर के रूप में पंजीकरण करना अनिवार्य था।

इस नियम का पालन नहीं करने पर सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके पीछे सरकार का तर्क है कि सोशल मीडिया पर अनियंत्रित कंटेंट जैसे फर्जी खबरें, उकसाने वाले कंटेंट और अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए यह जरूरी था। हालांकि, इस फैसले की व्यापक आलोचना हुई है क्योंकि इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना जा रहा है। कई लोगों का मानना है कि यह प्रतिबंध राजतंत्र समर्थकों के प्रदर्शनों और सरकार विरोधी भावनाओं को दबाने का प्रयास हो सकता है, जो हाल के महीनों में बढ़े हैं।

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 8 September 2025 at 23:27 IST