अपडेटेड 31 August 2025 at 15:14 IST

कैलाश मानसरोवर से लेकर इंडिया टू चाइना डायरेक्‍ट फ्लाइट तक...ट्रंप के 'टैरिफ धमकी' के बीच मोदी-जिनपिंग में क्या हुई डील

तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की समिट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई।

PM Modi to Hold Bilateral Meeting with Chinese President Xi Jinping Today
कैलाश मानसरोवर से लेकर इंडिया टू चाइना डायरेक्‍ट फ्लाइट तक...ट्रंप के 'टैरिफ धमकी' के बीच मोदी-जिनपिंग में क्या हुई डील | Image: ANI

तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की समिट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक सीमा पर शांति, व्यापार में सहयोग समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने इस दौरान सीमा पर शांति, आपसी सहयोग और संबंधों की मजबूती पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में कजान में हुई पिछली मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में आए “सकारात्मक माहौल” का स्वागत किया और स्पष्ट किया कि भारत और चीन विकास के साथी हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए अनिवार्य बताया। दोनों नेताओं ने पिछले साल हुए डिसएंगेजमेंट पर संतोष जताया और सीमा विवाद का न्यायसंगत और स्वीकार्य समाधान निकालने की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए वीजा सुविधा, सीधी उड़ानों और कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली पर जोर दिया। इसके अलावा व्यापार घाटा कम करने और निवेश बढ़ाने पर भी सहमति बनी।

डायरेक्‍ट फ्लाइट फिर से शुरू 

चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'पिछले साल कजान में हमारी बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई जिसने हमारे संबंधों को सकारात्मक दिशा दी। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना है।' सीमा प्रबंधन को लेकर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता हुआ है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी फिर से शुरू हो रही हैं।' वहीं जिनपिंग ने भी कहा है कि दोनों देश आपसी सहयोग को राजी हो हैं।

रणनीतिक स्वायत्तता और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों अपनी रणनीतिक स्वायत्तता का पालन करते हैं और उनके रिश्तों को किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने आतंकवाद और निष्पक्ष व्यापार जैसे वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 31 August 2025 at 15:14 IST