अपडेटेड 1 April 2025 at 11:20 IST

ISRO ने म्यांमा में भूकंप से हुए नुकसान की तस्वीरें जारी कीं

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 28 मार्च को म्यांमा में आए भूकंप से हुए नुकसान की उसके ‘कार्टोसैट-3’ द्वारा खींची गई तस्वीरें जारी की हैं। इसरो ने कहा कि उसने आपदा के बाद 29 मार्च को ‘कार्टोसैट-3’ द्वारा म्यांमा के मांडले और सागाइंग शहरों के ऊपर से ली गई तस्वीरें हासिल कीं।

ISRO released pictures
ISRO ने तस्वीरें जारी कीं | Image: x

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 28 मार्च को म्यांमा में आए भूकंप से हुए नुकसान की उसके ‘कार्टोसैट-3’ द्वारा खींची गई तस्वीरें जारी की हैं। इसरो ने कहा कि उसने आपदा के बाद 29 मार्च को ‘कार्टोसैट-3’ द्वारा म्यांमा के मांडले और सागाइंग शहरों के ऊपर से ली गई तस्वीरें हासिल कीं।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसके अलावा 18 मार्च को उसी क्षेत्र को कवर करने वाले ‘कार्टोसैट-3’ से प्राप्त किए गए आपदा पूर्व डेटा को विश्लेषण और नुकसान के आकलन के लिए भेजा गया है। ‘कार्टोसैट-3’ उपग्रह तीसरी पीढ़ी का एक दक्ष उन्नत उपग्रह है जिसमें उच्च ‘रिजॉल्यूशन’ वाला कैमरा लगा है, जो बेहतर तस्वीरें लेने में सक्षम है।

इसरो ने एक बयान में कहा, ‘‘तस्वीरों से पता चलता है कि मांडले शहर में बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसमें ‘स्काई विला’, फयानी पैगोडा (मंदिर), महामुनि पैगोडा और आनंद पैगोडा, मांडले विश्वविद्यालय और कई अन्य प्रमुख स्थल या तो पूरी तरह से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। सागाइंग शहर में, मा शि खाना पैगोडा के साथ-साथ कई मठों और अन्य इमारतों को नुकसान पहुंचा है।’’

इसरो के अनुसार, तस्वीरों से पता चलता है कि भूकंप के कारण इन वा सिटी के पास इरावती नदी पर ऐतिहासिक अवा (इनवा) पुल पूरी तरह से ढह गया। इरावती नदी के बाढ़ संभावित क्षेत्र में दरारें, जमीन का फटना और इसी तरह की अन्य घटनाएं भी देखी गईं। अंतरिक्ष एजेंसी ने बयान में उल्लेख किया कि 28 मार्च को म्यांमा में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया और फिर 6.4 तीव्रता वाले भूकंप बाद के शक्तिशाली झटके आए। भूकंप का केंद्र सागाइंग-मांडले सीमा के पास जमीन में 10 किलोमीटर की गहराई में था।

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इसरो ने कहा कि भूकंप का केंद्र म्यांमा के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास स्थित था, जहां भारी नुकसान हुआ। भूकंप ने राजधानी नेपीता और अन्य क्षेत्रों को भी हिलाकर रख दिया जिसके चलते बुनियादी ढांचे, सड़कें और आवासीय इमारतें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। इसरो ने कहा, ‘‘भूकंप के झटके न केवल म्यांमा में बल्कि पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने शक्तिशाली थे कि चियांग माई और थाईलैंड के उत्तरी हिस्सों तक महसूस किए गए, जहां निवासियों ने नुकसान की सूचना दी।’’

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 1 April 2025 at 11:20 IST