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Published 00:03 IST, November 28th 2024

इजरायल-हिज्बुल्ला के बीच संघर्ष विराम पश्चिम एशिया के लिए राहत की बात

इजराइल और हिज्बुल्ला के बीच हुए संघर्ष विराम को पश्चिम एशिया के लिए राहत की बात मानी जा रही है। ऐसे में यह संघर्ष विराम शांति की दिशा में पहला अहम कदम है।

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इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध | Image: AP

इजराइल और हिज्बुल्ला के बीच हुए संघर्ष विराम को पश्चिम एशिया के लिए राहत की बात मानी जा रही है क्योंकि क्षेत्र में एक वर्ष से अधिक समय से युद्ध जारी है और ऐसे में यह संघर्ष विराम शांति की दिशा में पहला अहम कदम है।

लेकिन गाजा में फलस्तीनी नागरिकों और उस क्षेत्र में बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों के लिए यह खबर कोई खास राहत लेकर नहीं आई है।

फलस्तीनी लोगों को उम्मीद थी कि हिज्बुल्ला के साथ किसी भी संघर्ष विराम समझौते में गाजा में भी संघर्ष विराम शामिल होगा।

इजराइल और हिज्बुल्ला के बीच बुधवार को संघर्ष विराम शुरू हो गया।

इजराइल ने कहा है कि अगर हिज्बुल्ला समझौते का पालन नहीं करता तो वह उस पर हमला करेगा।

इजराइली और लेबनानी सेना की चेतावनी के बावजूद क्षेत्र के लोग अपने सामान के साथ दक्षिणी लेबनान की ओर कार से वापस लौट रहे हैं। इजराइल और लेबनान की सेना ने क्षेत्र के निवासियों को अभी दक्षिणी लेबनान के कुछ क्षेत्रों में नहीं लौटने की चेतावनी दी थी।

अगर यह संघर्ष विराम कायम रहा तो इससे इजराइल एवं हिज्बुल्ला के बीच 14 महीने से जारी लड़ाई समाप्त हो जाएगी। हिज्बुल्ला के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई ने सितंबर के मध्य में युद्ध का रूप ले लिया और चरमपंथी संगठन के संरक्षक ने ईरान और इजराइल को व्यापक संघर्ष में घसीटने की धमकी दी।

लड़ाई के कारण विस्थापित हुए 12 लाख लेबनानी लोगों और लेबनान की सीमा पर अपने घरों से पलायन करने वाले हजारों इजराइलियों को यह संघर्ष विराम राहत दे सकता है।

मंगलवार को घोषित संघर्ष विराम, इजराइल और हमास के बीच गाजा में लगभग 14 महीनों से जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

अमेरिका-फ्रांस की मध्यस्थता में हुए समझौते को मंगलवार को इजराइल ने मंजूरी दे दी। संघर्ष विराम समझौते के तहत प्रारंभिक दो महीने तक युद्ध रोकने की बात कही गई है। समझौते के अनुसार, हिज्बुल्ला को दक्षिणी लेबनान में हथियार डालने होंगे, जबकि इजराइली सैनिकों को सीमा पर अपने क्षेत्र में लौटना होगा।

लेबनान के दक्षिणी हिस्से में लेबनान के हजारों अतिरिक्त सैनिक और संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक तैनात किए जाएंगे जबकि अमेरिका की अगुवाई वाली एक अंतरराष्ट्रीय समिति संघर्ष विराम समझौते के अनुपालन की निगरानी करेगी।

इजराइल का कहना है कि अगर हिज्बुल्ला समझौते की शर्तों का उल्लंघन करता है तो वह उस पर हमला करने का अधिकार रखता है।

यह संघर्ष विराम समझौता गाजा में लागू नहीं हुआ है, जहां हमास अब भी कई लोगों को बंदी बनाए हुए है।

इजराइली सेना के एक प्रवक्ता अविचे अद्राई ने दक्षिणी लेबनान से विस्थापित लोगों को अभी घर नहीं लौटने की चेतावनी दी और कहा कि सेना अब भी वहां तैनात है।

लेबनान की सेना ने भी विस्थापित लोगों से अग्रिम गांवों और शहरों में लौटने से बचने की अपील की है, जहां इजराइल की सेना अब भी मौजूद है।

हालांकि, चेतावनी के बावजूद लेबनानी नागरिक दक्षिण की ओर लौटने लगे हैं।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि इजराइल-हिज्बुल्ला संघर्षविराम हमास को बातचीत की मेज पर लाने में मदद कर सकता है।

Updated 00:03 IST, November 28th 2024