अपडेटेड 21 May 2024 at 13:45 IST
भारत के लिए ईरान कैसे रहा है बेहद खास? रईसी की मौत बड़े झटके से कम नहीं
ईरान के राष्ट्रपति की मौत के बाद से देश भर में शोक की लहर है। वहीं भारत में भी एक दिवसीय शोक की घोषणा की गई है।
- अंतरराष्ट्रीय न्यूज
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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की विमान हादसे में मौत हो गई। राष्ट्रपति की मौत से देशभर में मातम का माहौल है और 5 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। राष्ट्रपति रईसी की मौत केवल ईरान ही नहीं बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ा झटका है। बता दें, रईसी के कार्यकाल में ही भारत और ईरान के बीच चाबहार समझौता हुआ, जिससे अमेरिका को बड़ी दिक्कत थी। ऐसे में राष्ट्रपति रईसी का अचानक दुनिया से जाना भारत के लिए भी किसी झटके से कम नहीं है।
भारत लगातार ईरान के साथ दोस्ती बढ़ाने पर जोर देता रहा है। बता दें, 1950 में दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। और इसके बाद 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ईरान यात्रा पर पहुंचे थे। रईसी की मौत पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया। शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने लिखा, “इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के दुखद निधन से गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।”
ईरान और भारत के बीच हुए इस डील का मकसद मिडिल ईस्ट के साथ ट्रेड को और बढ़ाना था। 2003 में भारत ने ईरान के सामने चाबहार डील का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, अमेरिका की वजह से ये समझौता तब नही हो पाया। ईरान के संदिग्ध न्यूक्लियर इवेंट्स को लेकर अमेरिका के प्रतिबंधों की वजह से रुकावटें आती रही।
भारत और ईरान के बीच 10 साल के प्रोजेक्ट पर साइन
भारत और ईरान ने चाबहार पोर्ट के संचालन के लिए 13 मई को 10 साल के लिए हस्ताक्षर किए। जानकारी के अनुसार ये डील रईसी के लिए काफी पसंदीदा था। वहीं दूसरी ओर ईरान और भारत के बीच हुए इस डील से अमेरिका तिलमिला उठा था।
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अमेरिका ने भारत को दी धमकी
अमेरिका दोनों देशों के बीच इस डील से इतना भड़का हुआ था कि उसने भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दे डाली। हालांकि, भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर ने इसपर करारा जवाब देते हुए कहा था कि इस पोर्ट से सभी क्षेत्रों को काफी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि आज जो अमेरिका इस डील के खिलाफ है, उसी ने पहले चाबहार की तारीफ भी की थी।
BRICS सम्मेलन में मिले थे रायसी और पीएम मोदी
साल 2023 में आयोजित BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मुलाकात हुई थी. जोहान्सबर्ग में हुई इस बैठक के दौरान, दोनों ने विशेष रूप से चाबहार प्रोजेक्ट और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रेड कॉरिडोर (INSTC) पर ध्यान केंद्रित करते हुए तेजी से बुनियादी ढांचे के सहयोग पर सहमति व्यक्त की।
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अगले महीने भारत आने वाले थे रईसी
इसके अलावा 2024 की शुरुआत में ही, जनवरी में विदेशमंत्री एस जयशंकर ने ईरान यात्रा पर थे। इस दौरान उनकी ईरान के राष्ट्रपति रायसी से मुलाकात भी हुई थी। बता दें, भारत और ईरान के बीच की दोस्ती को और मजबूत करने के लिए रईसी अगले महीने भारत आने वाले थे।
रईसी को उन नेताओं में गिना जाता था, जो भारत के साथ दोस्ती चाहते थे। वो भारत के साथ नई साझेदारियां बना रहे थे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ओर से विकास में तेजी से प्रगति करना भी शामिल था। इसी में चाबहार पोर्ट भी शामिल था। 7,200 किमी लंबा उत्तर-दक्षिण मल्टीमॉडल ट्रेड कॉरिडोर, जो पश्चिम एशिया, मध्य एशिया, काकेशिया और रूस के नोड्स के साथ मुंबई से शुरू होगा, फिर पश्चिम रूसी शहर सेंट पीटर्सबर्ग को ईरान के बंदरगाहों से जोड़ेगा।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 21 May 2024 at 11:05 IST