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अपडेटेड 29 October 2024 at 20:36 IST

India-China Ties: भारत-चीन के बीच दो टकराव बिंदुओं से सैन्य वापसी अंतिम चरण में: सूत्र

India-China Ties: भारत-चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग नामक दो टकराव बिंदुओं से सैनिकों की वापसी अंतिम चरण में है।

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Ladakh standoff
भारत-चीन के बीच दो टकराव बिंदुओं से सैन्य वापसी अंतिम चरण में | Image: PTI file Photo

India- China Ties: भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग नामक दो टकराव बिंदुओं से सैनिकों की वापसी ‘‘अंतिम चरण’’ में है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही।

सेना के सूत्रों ने 25 अक्टूबर को कहा था कि सैन्य वापसी की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है।

उन्होंने कहा था कि समझौते की रूपरेखा पर पहले राजनयिक स्तर पर ‘‘हस्ताक्षर’’ किए गए और फिर सैन्य स्तर की बातचीत हुई। सेना के सूत्रों ने यह भी कहा था कि कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता में समझौते की बारीकियों पर काम किया गया, जिस पर पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किए गए थे।

दोनों पक्षों के बीच समझौतों के अनुपालन में भारतीय सैनिकों ने इन क्षेत्रों में अपने उपकरणों को पीछे ले जाना शुरू कर दिया था।

संबंधित प्रक्रिया के बारे में मंगलवार को एक अधिकारी ने कहा कि दोनों टकराव बिंदुओं से वापसी ‘‘अंतिम चरण’’ में है।

सूत्रों ने पिछले सप्ताह कहा था कि समझौता केवल इन दो टकराव बिंदुओं के लिए हुआ था और अन्य क्षेत्रों के लिए ‘‘बातचीत अभी भी जारी है’’।

उन्होंने कहा है कि पिछले हफ्ते शुरू हुई सैन्य वापसी के पूर्ण होने के बाद इन क्षेत्रों में गश्त शुरू हो जाएगी और दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटा देंगे तथा अस्थायी संरचनाओं को नष्ट कर देंगे।

सूत्रों ने कहा कि इन क्षेत्रों में गश्त की स्थिति को अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर वापस ले जाने की उम्मीद है।

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि गश्त सशस्त्र कर्मियों द्वारा की जाएगी और ध्वस्त की जाने वाली संरचनाओं में अस्थायी शेड तथा तंबू शामिल हैं।

यह प्रक्रिया पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों की वापसी पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद हो रही है। यह चार साल से अधिक समय से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने की दृष्टि से एक बड़ी सफलता है।

जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद दोनों एशियाई शक्तियों के बीच संबंध खराब हो गए थे। यह दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा था कि कई हफ्तों की बातचीत के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उत्पन्न मुद्दों का समाधान निकलेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैन्य वापसी से संबंधित समझौते का अनुमोदन किया था।

पब्लिश्ड 29 October 2024 at 20:26 IST