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Published 09:00 IST, September 21st 2024

इजरायल ने खत्म किया एक और दुश्मन; कौन था हिजबुल्लाह का टॉप कमांडर इब्राहिम अकील, जो स्ट्राइक में ढेर

इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में एक रिहायशी इलाके में हमला किया, जहां हिजबुल्लाह का टॉप कमांडर इब्राहिम अकील मौजूद था।

Reported by: Digital Desk
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hezbollah senior commander ibrahim aqil killed by israel
इजरायल ने हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर इब्राहिम अकील को मार गिराया। | Image: AP

Who is Ibrahim Aqil: 7 अक्टूबर 2023 से इजरायल जंग के मैदान में खड़ा है। 11 महीने की लड़ाई में बेंजामिन नेतन्याहू की सेना ने गाजा में हमास का लगभग नामोनिशान मिटा दिया तो अब हिजबुल्लाह के खिलाफ उसकी लड़ाई एक बड़े स्तर पर जा पहुंची है। शुक्रवार को इजरायली सेना ने स्ट्राइक करते हुए हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर इब्राहिम अकील को मार गिराया।

इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में एक रिहायशी इलाके में हमला किया, जहां हिजबुल्लाह का टॉप कमांडर इब्राहिम अकील मौजूद था। हिजबुल्लाह ने भी अकील के मारे जाने की पुष्टि की। लेबनान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि हमले में कम से कम 14 लोग बेमौत मारे गए, जबकि 66 अन्य घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले से एक बड़ा गड्ढा हो गया और बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में कम से कम दो इमारतें ध्वस्त हो गईं।

बेरूत में इजरायली हमले में ध्वस्त इमारत (Image: AP)

दो महीने में हिजबुल्लाह का दूसरा कमांडर ढेर हुआ

ताजा इजरायली हमला हिजबुल्लाह के लिए एक और झटका है, क्योंकि इसी हफ्ते के हमले में हिजबुल्लाह की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर और वॉकी-टॉकी फट गए थे, जिसमें 37 लोग मरे और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। इसके अलावा ये दो महीने से भी कम समय में दूसरी बार है, जब इजरायल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के दूसरे टॉप सैन्य कमांडर को निशाना बनाया है। जुलाई में बेरूत में एक और इजरायली हमले में ऑपरेशन चीफ फुआद शुकर मारा गया था।

कौन था हिजबुल्लाह का कमांडर अकील?

दावा है कि अकील 1980 के दशक में हिजबुल्लाह में शामिल हुआ था और लेबनान के बाहर संगठन के हमलों के लिए जिम्मेदार था। अकील हिजबुल्लाह के कुलीन राडवान फोर्स का एक सीनियर लीडर था, जिसे तहसीन के नाम से भी जाना जाता था। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से इस पर 7 मिलियन डॉलर (तकरीबन 60 करोड़ रुपये) का इनाम रखा था, क्योंकि 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर हुए बम धमाकों में उसकी भूमिका थी। मरीन कॉर्प्स बैरकों पर हुए आतंकी हमलों में 241 अमेरिकी सैन्यकर्मी मारे गए थे। उसके पहले के एक हमले में 63 लोगों की मौत हुई थी।

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Updated 09:00 IST, September 21st 2024